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कारागार प्रशासन और सुधार सेवाओं के महानिरीक्षक को संयुक्त सचिव सूर्य प्रताप सिंह सेंगर की ओर से भेजे गए पत्र में साफ निर्देश दिया गया कि बागपत जिला कारागार में बंद विचाराधीन कैदी सुनील राठी को प्रशासनिक आधार पर फतेहगढ केन्द्रीय जेल में शिफ्ट करने की स्वीकृति दी जाती है। कुमार के मुताबिक बजरंगी की बागपत जेल में हत्या के बाद कारागार प्रशासन पूरी तरह से चौकस है। ये कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि इस मामले में कोई कोताही नहीं हो पाये।
गौरतलब है कि पिछले दिनों माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में सुनवाई से पहले ही गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में सुनील राठी पर प्राथमिकी दर्ज हुर्इ थी और उसकी निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में शामिल पिस्टल भी गटर से बरमाद कर लिया था। हालांकि, बजरंगी की पत्नी ने पति की हत्या की आशंका पहले में ही जताई थी। खबरों के मुताबिक, बजरंगी की हत्या के बाद पुलिस को दिए बयान में आरोपी सुनील राठी ने स्वीकार किया था कि बजरंगी और उसके बीच किसी बात को लेकर बहस शुरू हुई थी, जो इतनी बढ़ गई कि उसने पिस्टल की सभी गोलियां उस पर चला दी, जिससे मुन्ना बजरंगी की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी। हालांकि, राठी ने यह कहा कि उसने पिस्टल मुन्ना बजरंगी से ही छीनी थी और उसे गिराकर काबू करने के बाद उस पर सभी गोलियां उतार दीं। गौरतलब है कि राठी की यह कहानी किसी के गले से नहीं उतर रही है। इसकी बड़ी वजह ये है कि सुनाल राठी की निशानदेही पर गटर से पिस्टल के साथ ही 22 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं। अब सवाल यह उठता है कि अगर उसने लोडेड पिस्टल मुन्ना से छीनी थी तो जिंदा कारतूस जेल में कहा से आए। इसका जवाब किसी के बास नहीं है।