Independence Day 2021: राष्ट्र-गान और तिरंगा फहराते समय भूलकर भी न करें ये गलती, जुर्माने के साथ हो सकती है जेल अधिवक्ता पेश नवाज खां बताते हैं कि उस दिन 14 अगस्त की रात से ही मेरठ के घंटाघर पर जश्न का माहौल था। बुढाना गेट से लेकर घंटाघर और दिल्ली रोड पर वे अपनी बच्चा टोली के साथ वंदे मातरम और देश भक्ति के तरानों के साथ तिरंगा लेकर दौड़ लगा रहे थे। जगह—जगह लोगों के झुंड उत्साह से खड़े थे। नवाज खां बताते हैं कि उस रात हलवाइयों की दुकानों पर कढाइयां चढ़ी हुई थी। लडडू और जलेबियां बनाई जा रही थी। कोटला बाजार भी पूरी रात खुला था। हलवाइयों को डालडा घी के कनस्तर बनियों ने फ्री में बांटे थे। पूरा घंटाघर तिरंगा झंडे से पाट दिया गया था।
Independence Day 2021: मुख्यमंत्री योगी ने प्लास्टिक तिरंगा को कहा ‘ना’, जनता से की खास अपील 15 अगस्त को सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही आजाद का जश्न शुरू हो गया था। युवाओं ने खूब गुलाल उड़ाया था। 14 अगस्त से लेकर 15 अगस्त की रात तक मेरठ की सड़कों पर जमकर आजादी का पर्व मनाया गया था। पेश नवाज खां बताते हैं कि 15 अगस्त 1947 को उनकी उम्र करीब 8 साल की रही होगी। उन्हें याद है कि उनके अब्बा ने आजादी का पर्व मनाने के लिए नई बनियान खरीद कर दी थी। उस नई बनियान को पहनकर उन्होंने आजादी का पर्व मनाया था।
खूब छूटे थे पटाखे और अनार :— अधिवक्ता नवाज खां बताते हैं कि 15 अगस्त की शाम को घंटाघर पर जश्न मनाया गया था। उस समय खूब पटाखे और अनार दागे गए थे। आसमान में आतिशबाजी से गजब का नजारा था। रात में 1 बजे तक वे अपने दोस्तों के साथ आजादी का पर्व मनाते रहे।