एक युवक ने गत रात कंट्रोल रूम फोन कर सूचना दी कि उसकी बेटी का अपहरण हो गया है। आठ साल की बच्ची के अपहरण की सूचना पर पुलिस युवक के घर पहुंची और युवक और उसकी पत्नी के अलावा अन्य परिजनों से बात की। पुलिस को पहले ही इस पूरी घटना पर संदेश हो गया था। लेकिन छानबीन करनी लाजिमी थी। अपहरण का मामला और वह भी आठ साल की बच्ची का। पुलिस लापरवाही नहीं बरत सकती थी। युवक ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी शाम को ट्यूशन के लिए घर से निकली थी और लापता है।
युवक ने बताया कि उन्हें पता चला है कि दो युवकों ने उसकी बेटी का अपहरण किया है और उसको कार में डालकर ले गए हैं। इसके बाद पुलिस जांच में जुटी और घर के आसपास और कॉलोनी के सभी आने जाने वाले रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। घंटों परेशान रहने के बाद पता चला कि बच्ची अपनी नानी के घर पर है। बच्ची के नानी के घर पर होने की सूचना पुलिस को दी गई तो पुलिस भी वहां पहुंच गई।
पुलिस के मुताबिक बच्ची ने पहले तो अपहरण और दुष्कर्म की घटना बताई लेकिन बाद में बताया कि उसे ट्यूशन में जो होमवर्क मिला था। वह पूरा नहीं कर पाई थी। इसलिए उसने अपने अपहरण और दुष्कर्म की कहानी बना डाली। इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार शर्मा का कहना है कि होमवर्क से बचने के लिए बच्ची स्वयं अपनी नानी के यहां चली गई थी।