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नकल के भरोसे रहने वाले छात्रों में रही भगदड़
नकल के भरोसे रहने वाले छात्रों में इस बार एग्जाम देने के दौरान नकल करने वालों में भगदड़ मची रही। वहीं अब परिणाम भी इतिहास रचने की ओर है। वजह यह है कि परीक्षाएं जिस तरह से सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में हुई और अंदर और बाहर नकल पर नकेल कसी गर्इ।उससे रिजल्ट में बड़ी गिरावट होना तय है।वहीं पिछले साल हाईस्कूल में 2013 और 2014 में परीक्षा परिणाम 86 और 2016 में 87 फीसद को पार कर गया था।जबकि इंटर का परीक्षा परिणाम 2013 और 2014 में शिखर पर रहा है।
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डेढ़ दशक से नंबरों में लग रही थी बड़ी छलांग
इस साल पिछले डेढ़ दशक के रिजल्ट की ऊंची उड़ान पर लगाम लगने के संकेत दिख रहे हैं। यूपी बोर्ड प्रशासन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में कराया गया। साथ ही पहली बार परीक्षकों को अलग से प्रशिक्षण भी दिया गया था कि वह किस तरह से कॉपियां जांचे।
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पिछले परिणामों पर एक नजर
पिछले 13 साल में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम एक नजर में:-
2005 में हाईस्कूल 68.31 प्रतिशत और इंटर 89.38 प्रतिशत
2006 में हाईस्कूल 71.66 प्रतिशत और इंटर 89.00 प्रतिशत
2007 में हाईस्कूल 74.41 प्रतिशत और इंटर 89.34 प्रतिशत
2008 में हाईस्कूल 40.07 प्रतिशत और इंटर 65.05 प्रतिशत
2009 में हाईस्कूल 56.67 प्रतिशत और इंटर 79.52 प्रतिशत
2010 में हाईस्कूल 70.79 प्रतिशत और इंटर 80.54 प्रतिशत
2011 में हाईस्कूल 70.82 प्रतिशत और इंटर 80.14 प्रतिशत
2012 में हाईस्कूल 83.75 प्रतिशत और इंटर 89.40 प्रतिशत
2013 में हाईस्कूल 86.63 प्रतिशत और इंटर 92.68 प्रतिशत
2014 में हाईस्कूल 86.71 प्रतिशत और इंटर 92.21 प्रतिशत
2015 में हाईस्कूल 83.74 प्रतिशत और इंटर 88.83 प्रतिशत
2016 में हाईस्कूल 87.66 प्रतिशत और इंटर 87.99 प्रतिशत
2017 में हाईस्कूल 81.18 प्रतिशत और इंटर 82.62 प्रतिशत