प्रबंधन ने छुपाए रखी घटना बताया जा रहा है कि घटना कुछ दिन पुरानी है। इसको मेडिकल प्रबंधन ने दबा कर रखा था। कॉलेज में बाम फैलने पर मामला मीडिया के सामने आ गया। प्रिंसिपल डॉ. आरसी गुप्ता का कहना है कि एक युवती और पांच युवक ब्वॉयज हॉस्टल में बर्थडे पार्टी मना रहे थे। सभी इंटर्न थे। उनके शोर मचाने और हंगामा करने की शिकायत मिली थी। इसके बाद प्रमुख अधीक्षक डॉ. धीरज राज, डॉ. ज्ञानेश्वर टांक व डॉ. लोकेश कुमार को वहां भेजा गया था। वहां सभी नशे की हालत में पाए गए थे। मेडिकल की सटूडेंट को गल्र्स हॉस्टल भेज दिया गया था। पांचों आरोपियों को हॉस्टल खाली करने को कहा गया है। इस बारे में तीनों डॉक्टरों ने उनको रिपोर्ट दी है। छात्र व छात्राओं के परिजनों के को जानकारी दे दी गई है। उनके आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह भी है चर्चा चर्चा है कि शिकायत मिलने के बाद जब डॉक्टर मौके पर पहुंचे तो युवती रोने लगी। हंगामा होने पर हॉस्टल में दूसरे कमरों से भी छात्र बाहर निकल आए थे। घटना के बाद स्टूडेंट्स ने प्रिंसिपल से आग्रह किया था कि वे उनकी फैमिली को इस बारे में न बताएं। बता दें कि एमबीबीएस के चार साल पूरे होने के बाद छात्र इंटर्नशिप करते हैं।