उन्होंने आरोप लगाया कि यह सारा काम बीएसए की मिली भगत से हो रहा है। जब वो लोग अपने बच्चों का एडमिशन दूसरे स्कूल में करवाने के लिए टीसी मांगने जाते हैं तो शिक्षक बोलते हैं कि बीएसए कार्यालय से लिखवा कर ले आओ।
ग्रामीणों ने कहा कि उनके छोटे छोटे बच्चे पढ़ नहीं पा रहे, उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है। अभिभावकों के इस आरोप से 6 से 14 साल तक के बच्चों की अनिवार्य शिक्षा के मूल अधिकार पर पलीता लगता हुआ दिखाई पड़ रहा है।
आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिकारी मऊ की शिकायत लेकर के परिषदीय स्कूल के बच्चे और उनके परिजन जिलाधिकारी के दरबार पहुंचे थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मैडम के द्वारा शौचालय में पानी रखवाया जाता है और बच्चों की टीसी विद्यालय द्वारा नहीं दी जा रही है। जिसकी कई बार शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी से की गई लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की गई ।
ऐसे में परेशान ग्रामीण अब डीएम से अपनी शिकायत कहने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। इस बाबत पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि अब मैं इस मामले की जांच बीएसए से नहीं मजिस्ट्रेट से करवा कर जल्द ही कार्रवाई करूंगा।