मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल सिंह ने जानकारी दी कि चयनित आशाओं को तीन चरणों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले चरण में 32 आशाओं का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है, जबकि शेष को जनवरी के पहले सप्ताह तक प्रशिक्षण पूरा कर नियुक्ति दी जाएगी। सीएमओ डा राहुल सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग और जनसामान्य के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी की भूमिका निभाती हैं। उनके माध्यम से गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं का प्रचार-प्रसार, और आम जनता को चिकित्सा सेवाओं से जोड़ने का कार्य किया जाता है।
आशा कार्यकर्ता बीमार व्यक्तियों को चिकित्सा इकाई तक पहुंचाने और प्रसव से जुड़ी सेवाओं की सुविधा देने में भी अहम भूमिका निभाती हैं। एआरओ सुनील सिंह ने बताया कि साफ-सफाई और रोगों से बचाव पर जागरूकता फैलाने से लेकर घर-घर सर्वे कर टीकाकरण बूथ तक गर्भवती महिलाओं और बच्चों को लाने का काम आशाओं द्वारा किया जाता है। इस पहल से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में सुधार होगा, बल्कि जनपद के नागरिकों का स्वास्थ्य स्तर भी बेहतर होगा। स्वास्थ्य विभाग का यह कदम शहरी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती देने और समाज में स्वास्थ्य सेवाओं की व्यापकता बढ़ाने में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।