गंगा यमुना हमारी माँ विश्व पर्यावरण दिवस पर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने और प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी देने के लिए 7 समंदर से आये विदेशी कान्हा की नगरी सड़कों पर उतरे। नगर निगम चौराहा पर विदेशी भक्तों ने नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगों को प्लास्टिक का प्रयोग न करने का संदेश दिया। पर्यावरण बचाओ का संदेश दे रहे विदेशी भक्तों से जब बात की गई तो विदेशी भक्तों ने बताया कि जिस तरह से गंगा यमुना गोदावरी को प्रदूषित किया जा रहा है वह बहुत ही दुखद है। इसे प्रदूषित करने के जिम्मेदार हम लोग हैं। गंगा हमारी मां है और हम अपनी मां के साथ ऐसा नहीं कर सकते। कई देशों के लोग आज पर्यावरण दिवस के मौके पर यहां एकत्रित हुए और लोगों को संदेश दिया।
World Environment Day 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। बुधवार को वृंदावन के गांधी पार्क के सामने विदेशी भक्तों ने विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। तभी से 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस हर साल मनाया जाता है। इस दिन तमाम सामाजिक संस्था सन्देश देने के लिये अलग अलग कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
World Environment Day पर्यावरण बचाने की अपील वहीं गीता गोविंदा नाम की विदेशी महिला भक्तों ने बताया कि प्लास्टिक हमारे लिए तो हानिकारक है ही साथ में यमुना गंगा और गाय के लिए भी हानिकारक है। गाय प्लास्टिक को खाती हैं और गाय के लिए प्लास्टिक काफी नुकसानदायक है हम सभी को सोचना चाहिए कि हम अपने पर्यावरण को किस तरह से बचाएं कम से कम प्लास्टिक का यूज करें। कचरे को इधर उधर न फेंकें डस्टबिन में ही कचरा डालें आज नुक्कड़ नाटक के जरिए एक संदेश हम लोगों ने दिया है पर्यावरण को बचाने का।