मथुरा

बंद हुई प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा, जानें अब कहां और कैसे मिलेंगे दर्शन

RSS प्रमुख और विराट कोहली भी प्रेमानंद महराज के दर्शन करने वृंदावन आ चुके हैं। आइए जानते हैं कि आप कब और कैसे इनके दर्शन कर सकते हैं।

मथुराDec 21, 2023 / 03:20 pm

Sanjana Singh

वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की गिनती देश के मशहूर संतों में होती है। रात्रिकाल पद यात्रा के स्थगित होने के बाद से प्रेमानंद महाराज काफी चर्चा में हैं। ऐसे में इनके भक्तों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि पदयात्रा बंद होने के बाद वे प्रेमानंद महाराज के दर्शन कैसे कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि आप वृंदावन में प्रेमानंद महाराज के दर्शन कैसे कर सकते हैं।
प्रेमानंद महाराज के संत बनने का सफर
प्रेमानंद महाराज का जन्म यूपी के कानपुर में सरसोल गांव में हुआ था। उनका बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। 13 साल की उम्र में ही प्रेमानंद महाराज से ब्रह्मचर्य शुरू कर दिया था। इसी वजह से सन्यासी जीवन की शुरुआत में इनका नाम आरयन ब्रह्मचारी रखा गया था। फिलहाल, प्रेमानंद महाराज वृंदावन के श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में रह रहे हैं। आपको बता दें कि 17 साल पहले ही प्रेमानंद महाराज की दोनों किडनी फेल हो चुकी है। उन्होंने अपनी एक किडनी का नाम राधा तो दूसरे किडनी का नाम कृष्ण रखा है।
कैसे करें प्रेमानंद महाराज के दर्शन?
अगर आप प्रेमानंद महाराज के भक्त है और उनके दर्शन करना चाहते हैं तो आपको वृंदावन आना होगा। टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सत्ंसग और एकांतिक वार्तालाप के लिए आपको आश्रम ‘श्री हित राधा केली कुंज’ आश्रम से टोकन हासिल करना होगा और यह सुबह 9:15 से सुबह 10:15 तक मिलता है। इस दौरान उन भक्‍तों की लंबी-चौड़ी लाइन मिलेगी जो महाराज जी के दर्शन करने आते हैं।
ऑफिशियल वेबसाइट ‘वृंदावन रस महिमा’ के मुत‍ाबिक, प्रेमानंद महाराज का आश्रम रात आठ बजे तक ही खुला रहता है। इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए आप ऑफिशियल वेबसाइटवृंदावन रस महिमा पर या info@vrindavanrasmahima.com ईमेल पर संपर्क कर सकते हैं।
सुबह का कार्यक्रम
प्रातः 04:10 से 05:30 – प्रेमानंद महाराज द्वारा प्रतिदिन प्रातः सत्संग
05:30 से 06:30 तक – श्री जी की मंगला आरती एवं वन विहार प्रातः
06:30 से 08:15 तक – हित चौरासी जी (सोम, बुध, गुरु, शनि) , रवि) एवं राधा सुधानिधि जी (मंगल, शुक्र) पथ
08:15 से 09:15 पूर्वाह्न – श्री जी की श्रृंगार आरती, भक्त-नामावली, राधा नाम संकीर्तन
दोपहर का कार्यक्रम
04:00 से 04:15 अपराह्न – धूप आरती
04:15 से 05:35 अपराह्न – दैनिक संध्या वाणीपाठ
05:35 से 06:00 अपराह्न – भक्त चरित्र
06:00 से 06:15 अपराह्न – संध्या आरती

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