Premanand ji Maharaj: तुम्हें शर्म नहीं आती, व्यापार के लिए भगवान का सहारा लेने पर भड़के प्रेमानंद महाराज, किसे लगाई फटकार?
Premanand ji Maharaj: वृंदावन धाम के सिद्ध संत प्रेमानंद महाराज एक दरबार लगाते हैं। बीते दिनों इस दरबार में एक भक्त के सवाल पर प्रेमानंद महाराज नाराज हो गए। इस दौरान उन्होंने तमाम व्यापारियों को भी फटकार लगा दी। आइए जानते हैं।
Premanand ji Maharaj: मथुरा-वृंदावन धाम के सिद्ध संत प्रेमानंद महाराज एक दरबार लगाते हैं। यहां वह भक्तों के सवालों का जवाब देते हैं। साथ ही जीवन जीने का सार भी बताते हैं। कई बार प्रेमानंद महाराज भक्तों के सवाल और जिज्ञासा सुनकर हंसते भी हैं। इस दौरान वह भक्तों के जीवन में आ रही तमाम परेशानियों का निदान भी बताते हैं। इस दौरान प्रेमानंद महाराज को गुस्सा करते हुए या किसी सवाल पर नाराज होते हुए कम ही देखा गया है। लेकिन हाल ही में उनके दरबार में पहुंचे एक शख्स ने उनसे एक ऐसा सवाल पूछ लिया। जिसपर प्रेमानंद महाराज को गुस्सा आ गया। गुस्से में प्रेमानंद महाराज ने कहा “लोग अपने ही धर्म का अपमान करने में लगे हुए हैं, तुम्हें शर्म आनी चाहिए।”
Premanand ji Maharaj: गिफ्ट में भगवान की प्रतिमा लेने के सवाल पर भड़के संत
बीते दिनों वृंदावन में प्रेमानंद महाराज के पास कुछ लोग पहुंचे। इस दौरान एक भक्त ने उनसे पूछा, “क्या तोहफे में या गिफ्ट में मिलने वाली भगवान की प्रतिमा लेनी चाहिए?” प्रेमानंद महाराज ने इसका जवाब देते हुए कहा कि नहीं, बिलकुल नहीं लेना चाहिए। इस पर जब भक्त ने फिर सवाल किया “अगर हमें बिना बताए कोई भगवान की प्रतिमा पैक कर के दे तो हम क्या करें?” ये सुनते ही प्रेमानंद महाराज को गुस्सा आ गया।
यह भी पढ़ेंः खुशखबरी! सवा घंटे में पहुंचेंगे दिल्ली, यूपी को वंदे भारत मेट्रो ट्रेन की मिलने जा रही सौगात वे बोले- “नहीं, हमें नहीं चाहिए। कोई हमें कुछ भी गिफ्ट देता है तो हमें पूछना चाहिए कि इसमें क्या है। हमारे दिव्य पहले से ही विराजमान हैं, हम गिफ्ट में मिली भगवान की प्रतिमा किसको देंगे? और अगर दे भी दिया तो वो इस प्रतिमा के साथ क्या व्यवहार करेगा, ये हमें नहीं पता।” उन्होंने आगे कहा “कोई आपको ऐसा गिफ्ट दे तो आप हाथ जोड़ें और उसे वह गिफ्ट वापस कर दें। ठाकुर जी कोई शो-पीस थोड़े ही हैं कि उनकी प्रतिमा अलमारी में धूल खाए। जब हम सेवा नहीं कर सकते तो हमें गिफ्ट या उपहार में ठाकुर जी की प्रतिमा नहीं लेनी चाहिए। ठाकुर जी आपके घर आएं तो उनका आदर और उनकी निष्ठा के साथ सेवा हो।”
Premanand ji Maharaj बोले-शादी के कार्ड पर भी नहीं छापना चाहिए भगवान का चित्र
प्रेमानंद महाराज ने कहा “हम तो इतना भी निषेध करते हैं कि शादी के कार्ड पर भगवान की जो छवियां छपती हैं। नाम छापे जाते हैं। उन्हें भी बंद करना चाहिए। आप विवाह की समय सारणी दीजिए। ज्यादा हो तो आप फूल बना दो, दूल्हा-दुल्हन बना लो पर राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती का चित्र छाप रहे हो। ये गलत है, क्योंकि वो तो निमंत्रण कार्ड है। निमंत्रण पढ़ने के बाद उसे फेंक दिया जाता है। इससे आप भगवान का भी निरादर कर रहे हो। यही हमारी बुद्धि भ्रष्ट होने का कारण है।”
प्रेमानंद महाराज ने कहा “आप सोचिए कि साधारण का व्यापार चलाने के लिए लोग थैलों में प्रभु की प्रतिमा बना देते हैं, नाम छाप रहे हैं। जिस नाम की हम उपासना कर रहे हैं। उसी नाम को आप तंबाकू के पैकेट पर छाप रहे हो। तंबाकू खाने के बाद उस पैकेट को लोग कचरे और सड़क पर फेंक देते हैं। उसके बाद इसपर लोगों के पैर पड़ते हैं। इसके परिणाम स्वरूप जो कंपनी वाला है, यानी जो तंबाकू या अन्य पैकेट्स पर भगवान की फोटो छाप रहा है। उसकी दुर्गति होनी तय है। आप चंद रुपए के लिए उस नाम और रूप को अपमानित कर रहे हो। जिसकी करोड़ों लोग उपासना करते हैं।”
Premanand ji Maharaj ने कहा-पैसा कमाने के लिए और भी हैं रास्ते
प्रेमानंद महाराज नाराजगी जताते हुए बोले- “पैसा कमाने के लिए बहुत तरीके हैं। भगवान के नाम का इस्तेमाल करते हुए पैसा मत कमाओ। थैलों पर भगवान का रूप छाप रहे हैं और उसी थैले को लोग पैरों में रखेंगे। अब थैला तो पैर में ही रखा जाएगा। इसलिए तो हम सब की बुद्धि भ्रष्ट हो रही है, क्योंकि तुम लोग धर्म के सूक्ष्म भाव को नहीं समझ रहे हो। तुम भगवान का अपमान कर रहे हो। हमें लगता है कि न तो भगवान की प्रतिमा लेनी चाहिए और न देनी चाहिए।”
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