मां चंद्रावली मंदिर की पुजारिन ओमवती देवी से जब बात की तो उन्होंने बताया कई बार हम लोगों ने मंदिर बनाने का प्रयास किया लेकिन मैं नहीं चाहती कि हम मंदिर बनाएं। खुले आसमान के नीचे रहकर मां भक्तों को दर्शन देती हैं कई बार मंदिर बनाने की कोशिश की गई तो कुछ ना कुछ अड़चन मंदिर बनाने में आ जाती है। खुले में वटवृक्ष के नीचे रहना चाहती हैं मां चंद्रावली ।
चंद्रावली मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी अरदास लेकर आता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। हर सोमवार को मां चंद्रावली मंदिर में भव्य मेला लगता है और हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मां चंद्रावली के दर्शन के लिए आते हैं।
यहां आने वाले श्रद्धालु सच्चे मन से मां के दर्शन कर मनौती मांगते हैं। श्रद्धालुओं से जब यहां की मान्यता के बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम लगातार 15 साल से दर्शन के लिए आ रहे हैं और मंदिर में केवल 4 किलर लगे हैं गुंबद अभी तक नहीं बनी ऐसा सुना है की मां अपना मंदिर बनवाना नहीं चाहती खुले में रहना मां को पसंद है। उन्होंने यह भी कहा कि हमने ऐसा सुना है मंदिर बनाने की कोशिश की गई तो पुजारी को कई बार सपने आए और उन्हें मंदिर ना बनाने की मां ने कहा।