झूलनोत्सव के अंतिम दिन भगवान राधा रमण मंदिर में हेमा मालिनी ने अपनी प्रस्तुति दी। हेमा मालिनी कभी राधा तो कभी मीरा की छवि में दिखाई दी। 70 वर्ष की आयु में भी भारी उमस भरे माहौल में बिना थके लगातार पांच नृत्य कर अपनी प्रस्तुति दी। हेमा मालिनी ने सबसे पहले भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी। हेमा मालिनी की प्रस्तुति पर यहीं विराम नहीं लगा। उन्होंने 12 वीं सदी के संस्कृत कवि जयदेव की अष्टपदी गीत गोविंद की प्रसिद्ध रचना’यमुना तीरे धीर समीरे हसत खेल वनमाली पर भी प्रस्तुति दी। स्वअभिनीत फिल्म ‘मीरा’ के पद ‘मोहे चाकर रखो जी’ और ‘ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन’ भजन पर भी भगवान राधारमण मंदिर में अपनी प्रस्तुति देकर मन मोह लिया। दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।