यह भी पढ़ें– भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद जेपी नड्डा यहां करेंगे पहली रैली, भीड़ जुटाने को संगठन ने झोंकी ताकत ये है मामला संयुक्त शिक्षा निदेशक ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को लिपिक बलभद्र शर्मा को अपने मूल तैनाती वाले राजकीय कन्या हाई स्कूल मथुरा में वापस भेजे जाने का आदेश दिया है और इस आदेश का कड़ाई से पालन करने की बात कही है। लिपिक बलभद्र शर्मा के खिलाफ लंबे समय से विभागीय कार्यों को टालने की शिकायतें मिल रही थीं। लिपिक की कार्यप्रणाली से बीएसए कार्यालय आने वाले फरियादी परेशान थे।
डाइट प्राचार्य मथुरा द्वारा संयुक्त शिक्षा निदेशक से बलभद्र शर्मा के खिलाफ कार्य में लापरवाही बरतने के कारण अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति की गई थी। जब बलभद्र शर्मा से इस बाबत जवाब मांगा गया तो बलभद्र शर्मा ने कहा कि वह शिक्षक भर्ती घोटाले के करीब डेढ़ सौ मामलों में गवाह है। जिसके चलते भर्ती घोटाले से जुड़े अज्ञात लोग उसके ऊपर पटल छोड़ने के लिए दबाव बना रहे हैं और उसके साथ कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है। बलभद्र शर्मा ने मौजूदा पटल पर कार्य करने में असमर्थता जताई। जिसके चलते संयुक्त शिक्षा निदेशक ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लिपिक बलभद्र शर्मा का सम्बद्धीकरण रद्द कर दिया है।
आपको बता दें कि लिपिक बलभद्र शर्मा उस महत्वपूर्ण पटल को देख रहे थे जिस पटल पर करीब डेढ़ वर्ष पूर्व शिक्षक भर्ती घोटाले का मुख्य आरोपी महेश शर्मा कार्य संभालता था। ऐसे समय में जब शिक्षक भर्ती घोटाले के अधिकतर आरोपी करीब डेढ़ वर्ष जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आए हैं उसी समय बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के एक लिपिक को पटल छोड़ने व विजिलेंस की कार्रवाई में फंसाने की धमकी मिलना अपने आप में बहुत कुछ कहता है।