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अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देवकी नंदन ठाकुर का बड़ा बयान

-यह फैसला सर्वहितकारी, मर्यादा से आए श्रीराम, भावनाओं में मर्यादा बरतें-विश्वास था कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के पक्ष में ही फैसला आएगा

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Devki nandan Thakur

मथुरा। सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या में श्रीराम मंदिर न्यास के पक्ष में आये फैंसले पर प्रसन्नता जाहिर करते हुये भागवत प्रवक्ता देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने इसे सौहार्दकारी निर्णय बताया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों के आधार पर राममंदिर के पक्ष में दावे को कानूनी मान्यता दी है । वर्षों से चले आ रहे इस विवादित मसले के ऐसे सर्वहितकारी हल का सभी समुदाय को स्वागत करना चाहिये । निर्णय को किसी की जीत हार का विषय नहीं मानते हुये देश के विकास के लिये हम सभी को संयम और जिम्मेदारी का परिचय देना चाहिये । इस पर किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिये ।

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भाईचारे की भावना को आगे बढ़ाया

हाल ही में कानपुर में राममंदिर र्निमाण को संकल्पित श्रीराम कथा कर वृन्दावन लौटे देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने दोनों समुदाय से सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और मंशा का आदर करते हुए समाज में शांति बनाये रखने की अपील की। वृन्दावन के प्रियाकान्तजू मंदिर पर प्रतिक्रिया व्यक्त उन्होंने कहा कोर्ट ने राम भक्तों के विश्वास और आस्था को मान्यता देने के साथ ही मुस्लिम वर्ग की आस्था को भी खाली हाथ नहीं छोड़ा है । सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसले में मस्जिद के लिये भी अयोध्या में ही अलग से 5 एकड़ भूमि प्रदान कर हिन्दुस्तान के भाईचारे की भावना को आगे ही बढ़ाया है। यही हमारी पहचान है ।

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अपनी जिम्मेदारी समझें
मेरा भारत-मेरा स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष देवकीनंदन महाराज ने कहा कि इस ऐतिहासिक घड़ी में हम सभी को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुये बात रखनी चाहिए। आम जनता के साथ ही राजनीतिक पार्टियों, धार्मिक गुरु, राजनेता और समाज के बुद्धिजीवियों को इस समय देश के लिये एक होकर इस फैसले को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि फैसले पर ऐतराज करने वाले लोग देश के हितैषी नहीं हो सकते।

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मयार्दा बनाए रखें
देवकीनंदन महाराज ने कहा कि राममंदिर पर आये फैसले पर भावनाएं जाहिर करने में संयम बरतें। किसी की हार-जीत और खुशी-दुख दिखाते हुये बयानबाजी न करें। उन्होंने कहा कि शुरू से ही विश्वास था कि निर्णय अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के पक्ष में ही आयेगा। वर्षों समाज ने देश की न्यायिक प्रक्रिया पर विश्वास करते हुये इतने साल इंतजार किया। जिससे मंदिर निर्माण में बिना शंका के सभी लोग खुशी से शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम मर्यादा पुरूषोत्तम हैं। अयोध्या में राममंदिर के लिये मर्यादाओं का पालन करते हुये फैसला आया है। हमें भी अपनी मर्यादाएं बनाए रखनी चाहिए।