भाईचारे की भावना को आगे बढ़ाया हाल ही में कानपुर में राममंदिर र्निमाण को संकल्पित श्रीराम कथा कर वृन्दावन लौटे देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने दोनों समुदाय से सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और मंशा का आदर करते हुए समाज में शांति बनाये रखने की अपील की। वृन्दावन के प्रियाकान्तजू मंदिर पर प्रतिक्रिया व्यक्त उन्होंने कहा कोर्ट ने राम भक्तों के विश्वास और आस्था को मान्यता देने के साथ ही मुस्लिम वर्ग की आस्था को भी खाली हाथ नहीं छोड़ा है । सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसले में मस्जिद के लिये भी अयोध्या में ही अलग से 5 एकड़ भूमि प्रदान कर हिन्दुस्तान के भाईचारे की भावना को आगे ही बढ़ाया है। यही हमारी पहचान है ।
अपनी जिम्मेदारी समझें
मेरा भारत-मेरा स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष देवकीनंदन महाराज ने कहा कि इस ऐतिहासिक घड़ी में हम सभी को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुये बात रखनी चाहिए। आम जनता के साथ ही राजनीतिक पार्टियों, धार्मिक गुरु, राजनेता और समाज के बुद्धिजीवियों को इस समय देश के लिये एक होकर इस फैसले को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि फैसले पर ऐतराज करने वाले लोग देश के हितैषी नहीं हो सकते।
देवकीनंदन महाराज ने कहा कि राममंदिर पर आये फैसले पर भावनाएं जाहिर करने में संयम बरतें। किसी की हार-जीत और खुशी-दुख दिखाते हुये बयानबाजी न करें। उन्होंने कहा कि शुरू से ही विश्वास था कि निर्णय अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के पक्ष में ही आयेगा। वर्षों समाज ने देश की न्यायिक प्रक्रिया पर विश्वास करते हुये इतने साल इंतजार किया। जिससे मंदिर निर्माण में बिना शंका के सभी लोग खुशी से शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम मर्यादा पुरूषोत्तम हैं। अयोध्या में राममंदिर के लिये मर्यादाओं का पालन करते हुये फैसला आया है। हमें भी अपनी मर्यादाएं बनाए रखनी चाहिए।