scriptArsenic in Water: बांग्लादेश से मथुरा और आगरा तक पहुंच रहा पानी में आर्सेनिक, घूंट-घूंट मौत पी रहे लोग | Arsenic in water Bangladesh to Mathura Agra Firozabad latest news | Patrika News
मथुरा

Arsenic in Water: बांग्लादेश से मथुरा और आगरा तक पहुंच रहा पानी में आर्सेनिक, घूंट-घूंट मौत पी रहे लोग

-भूगर्भ जल में आर्सेनिक, फ्लोराइड की मात्रा लगातर बढ़ रही-इस तरह का पानी पीने से हड़्डी, पथरी और कैंसर के रोगी बढ़ेगे-प्रतिवर्ष भूगर्भ जल 50 से 70 सेण्टीमीटर नीचे जाना चिंता का विषय
 

मथुराJul 09, 2019 / 10:08 am

suchita mishra

Arsenic in water

Arsenic in water

मथुरा। मण्डल के कई जनपदों में भूगर्भीय जल सालों पूर्व दूषित हो चुका है। इसमें आर्सेनिक, क्लोराइड, फ्लोराइड एवं नाइट्रोजन की मात्रा लागातार बढ़ रही है। बोरवेल जितने गहरे किए जा रहे हैं, पानी में इन तत्वों की मात्रा उतनी ही बढ़ रही है। एम्स के चिकित्सकों की रिपोर्ट में पूर्व में इस बात का खुलासा हो चुका है कि आर्सेनिक की खेप बांग्लादेश से मथुरा, आगरा और दिल्ली तक को प्रभावित कर रही है। पल-पल मौत का घूंट पीना लोगों की मजबूरी हो गई है। जिले में प्रतिवर्ष भूगर्भ जल 50 से 70 सेण्टीमीटर नीचे जाना चिंता का विषय बना हुआ है। इधर भूगर्भीय जल को समृद्ध करने की दिशा में होने वाले प्रयास नाकाफी हैं।
Arsenic in water
ये जिले तेजी से हो रहे प्रभावित
पानी को विषैला करने वाला प्रमुख तत्व है आर्सेनिक, जो बांग्लादेश के सुंदरवन बॉर्डर से लौटकर आने वाले भूगर्भीय स्रोतों के साथ यहां आ रहा है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के दल द्वारा पूर्व में की गई खोजों में इसका खुलासा किया जा चुका है कि सुंदरवन से एक भूगर्भीय जल धारा कोलकाता, चौबीस परगना, भागलपुर, मुंगेर, बैसर, हजारीबाग, छपरा, बलिया, सारनाथ, मिर्जापुर, इलाहाबाद, फतेहपुर, कानपुर, इटावा, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, पलवल होते हुए दिल्ली तक आती है। इसके चलते दिल्ली के दक्षिण पश्चिम में एक क्षेत्र विकसित हो गया है। इसकी परिधि में मथुरा के अलावा राजस्थान का भरतपुर, अलवर एवं रेवाडी तक का क्षेत्र आता है।
Arsenic in water
जलस्तर 135 से 200 फीट पहुंचा
खारी, तेलिया और बग्गा पानी के लिए कुख्यात जनपद में शुद्ध पानी का संकट
जल संरक्षण पर काम करने वाले लोग बताते हैं कि मथुरा में 2004 में 135 फीट पर जलस्तर था जो वर्तमान में 200 फीट पर पहुंच गया है। टोटल डिजॉल्व सॉल्वेंट के परीक्षण में बोरोमीटर फेल हो रहे हैं। महाविद्या कॉलोनी निवासी लक्ष्मण प्रसाद बताते हैं कि एक दशक पूर्व उन्होंने बोर कराया था और 135 फीट पर पानी आ गया था। 200 फीट गहरे इस बोर में अब पानी निकालने के लिए आधा घण्टे तक समर चलता रहता है, तब कहीं पानी निकलता है। जलस्तर नीचे चला गया है।
Arsenic in water
अस्थि जनित रोग, पथरी और कैंसर बढ़ेगा
भूगर्भ जल विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनपद के 10 ब्लाकों में से चार पूर्व में ही डार्क घोषित हो चुके हैं। कुछ क्रिटिकल एवं कुछ सेमी क्रिटिकल की श्रेणी में हैं। कुल मिलाकरण पानी के लिए लोग शहर से लेकर गांव तक पानी पानी होने को मजबूर हैं। चिकित्सकों की मानें तो ब्रज में पानी में फ्लोराइड बढ़ने से अस्थि जनित बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। हड्डियों का भंगुर होना और उनमें दर्द की शिकायत वाले केस तेजी से बढ़े हैं। श्री राम कृष्ण मिशन सेवाश्रम वृन्दावन की एम्बुलेंस सेवा जनपद के नौ स्थानों एवं करीब 36 गांवों में सालों से चिकित्सा सेवा दे रही है। टाटा फाउण्डेशन के सहयोग से चल रहे इस सेवा कार्य के प्रभारी अब्दुल्लाह ने बताया कि दूषित जल से होने वाली बीमारियां यहां तेजी से पांव पसार रही हैं। लागों को खुद को स्वस्थ और सुरक्षित रखना है तो पीने के पानी में बदलाव करना होगा। अन्यथा की स्थिति में पेट में पथरी के मामलों के अलावा हड्डी जनित समस्याओं के मामले और तेजी से बढ़ेंगे। बता दें कि मथुरा-वृन्दावन डेवलपमेंट अथॉरिटी रेन वॉटर हार्बेस्टिंग सिस्टम की किसी भी नई कॉलोनी में बाध्यता रखती है, इसके बाद भी मौके पर कुछ दिखता नहीं है।

Hindi News / Mathura / Arsenic in Water: बांग्लादेश से मथुरा और आगरा तक पहुंच रहा पानी में आर्सेनिक, घूंट-घूंट मौत पी रहे लोग

ट्रेंडिंग वीडियो