टॉप 5 में सेंसेक्स और निफ्टी
मार्च से लेकर अब तक के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो टॉप 5 में निफ्टी 50 और सेंसेक्स का नाम शामिल हैं। सबसे उपर हनोइ मार्केट एचएनएक्स 30 है। जिसने मार्च से अब तक 110.89 फीसदी का रिटर्न दिया है। उसके बाद नाम कोप्सी और नैस्डैक का नाम शामिल हैं। दोनों ने क्रमशः 98.56 और 97.17 फीसदी का रिटर्न दिया है। उसके बाद बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स है जिसने 93.12 फीसदी का रिटर्न दिया है और निफ्टी 50 ने 93.07 फीसदी का रिटर्न दिया है।
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टॉप 5 रिटर्न देने वाले स्टॉक एक्सचेंज
प्रमुख एक्सचेंज | मार्च से अब तक रिटर्न |
HNX 30 | 110.89 % |
KOPSI | 98.56 % |
Nasdad | 97.17 % |
Sensex | 93.12 % |
Nifty50 | 93.07 % |
कुछ ऐसे हैं दूसरे बाजारों का हाल
दुनिया के बाकी बाजारों की बात करें तो लंदन स्टॉक एक्सचेंज और एसएंडपी की की बात करें तो दोनों ने 85 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं डाउ जोंच और निक्कई ने 84 फीसदी एवं न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज ने 83.81 फीसदी का रिटर्न दिया है। चीन ए50 ने 74.34 फीसदी, शंघाई 65.36 फीसदी और हैंगसेंग ने 64.40 फीसदी का रिटर्न दिया है। खास बात तो ये है कि बोरसा इस्तांबुल का एक्सचेंज ने 90.11 फीसदी का रिटर्न दिया है। ताइवान वेटेड ने 84.18 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं कॉपनहेगेन के एक्सचेंज ओएमएक्ससी ने 81.37 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं चीन के प्रमुख सूचकांक शेनजेन एक्सचेंज ने 75.11 फीसदी का रिटर्न दिया है।
इन स्टॉक एक्सचेंजों ने दिया अच्छा रिटर्न
प्रमुख एक्सचेंज | मार्च से अब तक रिटर्न |
BIST 100 | 90.11 % |
S&P 500 | 85.68 % |
London Stock Exchange | 84.98 % |
Taiwan Weighted | 84.18 % |
Dow Jones | 84.02 % |
Nikkei 225 | 83.88 % |
NYSE | 83.81 % |
OMXC20 | 81.37 % |
SZSE Component | 75.11 % |
China A50 | 74.34 % |
Shanghai | 65.36 % |
Hang Seng Index | 64.40 % |
क्या कहते हैं जानकार?
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार भारतीय शेयर बाजार जब मार्च में अपने निचले स्तर पर गया था उसे बाद धीरे-धीरे आगे की ओर बढ़ा। बाजार में तेजी अक्टूबर के बाद देखने को मिली। नवंबर और दिसंबर के महीने में जिस तेजी के साथ सेंसेक्स और निफ्टी भागा है, उससे तेज भारतीय इतिहास में कभी नहीं देखा गया। दुनिया के कई शेयर बाजारों को भारत ने रिटर्न देने के मामले में काफी पीछे छोड़ दिया।दूसरी बड़ी तेजी कारण बना विदेशी निवेशकों का निवेश। अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर विदेशी निवेशकों की ओर से काफी निवेश किया है।