scriptमंदसौर जिले में फिर एक साल बाद फैली यह जानलेवा बीमारी | This deadly disease spreads after one year in Mandsaur district | Patrika News
मंदसौर

मंदसौर जिले में फिर एक साल बाद फैली यह जानलेवा बीमारी

मंदसौर जिले में फिर एक साल बाद फैली यह जानलेवा बीमारी

मंदसौरAug 28, 2019 / 04:26 pm

Vikas Tiwari

mandsaur news

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मंदसौर.
ंमंदसौर सहित रतलाम जिले के कई गांवों में स्क्रब टाइफस के मरीज सामने आए है। सीएमएचओ कार्यालय को भोपाल से मंगलवार को मिली रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में १२ मरीजों केा पॉजिटिव बताया गया है। हांलाकि इसमें चार मरीज उदयपुर और कोटा में भर्ती है। उनकी रिपोर्ट भी इनमें शामिल है। इतनी बड़ी संख्या में रिपेार्ट पॉजिटिव मरीजों के सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। और करीब आधा दर्जन गांवों अधिकारियों द्वारा सर्वे कार्य भी शुरु कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि जिले में गत वर्ष ७९ मरीज स्क्रब टाइफस के पॉजिटिव आए थे।
इन गांवों के मरीज आए सामने
सीएमएचओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दलौदा सगरा के ४५ वर्षीय पुरुष, जोगीखेड़ी के ४५ वर्षीय महिला, बड़वन निवासी ४७ वर्षीय महिला, यशनगर मंदसौर में ७५ वर्षीय पुरुष, हाऊसिंग कॉलोनी नईअबादी मंदसौर निवासी ३६ वर्षीय युवक, सीतामऊ निवासी २३ वर्षीय युवक और रतलाम जिले के लोईखेड़ा के ४५ वर्षीय व्यक्ति की स्क्रब टाइफस पॉजिटिव आया है। सभी जिले के निजी अस्पतालों में भर्ती है। वहीं कोटा और उदयुपर में चार मरीज भर्ती है। जिसमें रतलाम जिले का एक और तीन मंदसौर जिले के है। जिसमें मल्हारगढ़ और लोध के रहने वाले है।
क्या है स्क्रप टाइपस
स्क्रप टाइफस एक बुखार है। यह जंगली घास में रहने वाले कीड़ों में पलने वाले पिस्सु की वजह से फैलता है। जहां पर मवेशियों को विचरण होता है। जो रिकेटसिया द्वारा उत्पन्न रोगों का समूह है। इस समूह में सू-सू गामोशी नामक कीटाणु के संक्रमण से यह बुखार होता है। इसकी जांच इंदौर या अन्य बड़े शहरों में होती है।
स्क्रप टाइफस के लक्षण
आईडीएसपी यूनिट से मिली जानकारी के अनुसार स्क्रप टाइफस बुखार के लक्षण सिरदर्द होना। सर्दी लगना, बुखार, शरीर में दर्द तथा पांचवे दिन के बीच शरीर पर लाल दाने निकलने जैसे लक्षण होते है। इसमें बुखार सात से लेकर १२ दिन तक रहता है। बेहोशी और ह्दय संबंधी समस्या सामने आती है। गहरे लाल रंग के ये दाने दो से लेकर पांच मिलीमीटर तक के होते है। यह रोग कम उम्र के लोगों के लिए खतरनाक नहीं होता है। लेकिन ४० वर्ष से ऊपर की आयु के पचास प्रतिशत रोगी एवं ६० वर्ष से ऊपर के मरीज के लिए यह बहुत खतरनाक होता है।
बुखार का उपाय बचाव
यह रोग ज्यादातर कीड़ों के माध्यम से फैलता है। इसलिए सबसे जरूरी है कि आस-पास झाडिय़ां और जंगली घास ना पनपे। घर के पास मवेशी बंधते है तो वहंा पर साफ सफाई रखे। मवेशियों का समय-समय पर पशु चिकित्सकों से परीक्षण करवाएं। कीड़ों को नष्ट करवाएं।

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