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मंदसौर

पद्मावत फिल्म दिखाने पर करनी सेना कार्यकर्ताओं ने किया विरोध, पुलिस ने लिया हिरासत में

दो टॉकिजो में हुआ प्रदर्शन, दिखाएं कई शो

मंदसौरFeb 17, 2018 / 08:31 pm

harinath dwivedi

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मंदसौर । शहर के कई टॉकिजो में शनिवार को पद्मावत फिल्म का प्रदर्शन किया गया। फिल्म प्रदर्शन की सूचना जैसे ही करनी सेना के कार्यकर्ताओं को लगी वे इसका विरोध करने शहर के दयामंदिर टॉकिज पहुंच गए। यहां कार्यकर्ताओं ने फिल्म दिखाने का जमकर विरोध किया। हालांकि यहां पहले से ही पुलिस बल तैनात था। मौके पर सीएसपी राकेशमोहन शुक्ल व अन्य पुलिसकर्मीमौजूद थे। यहां सीएसपी ने कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे विरोध करते रहे। इस पर सीएसपी ने कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर शहर कोतवाली पहुंचाया।
चौराहो पर भी तैनात था पुलिस बल
फिल्म प्रदर्शन को लेकर शहर के टॉकिजो सहित चौराहो पर पुलिस बल तैनात किया गया था। सीएसपी शुक्ला व कोतवाली टीआई विनोदसिंह कुशवाह भी इस दौरान मौजूद रहे। दोपहर १२ बजे दयामंदिर टॉकिज में फिल्म प्रारंभ होने से पहले ही करणी सेना के जिलाध्यक्ष रविंद्रसिंह राणा सहित अन्य कार्यकर्ताएक जीप से टॉकिज पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने वाहन से उतरते ही नारेबाजी शुरु कर दी और टॉकिज में जाने का प्रयास किया। लेकिन यहां उपस्थित पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोककर समझाईश दी। कार्यकर्ताओं के नहीं मानने पर पुलिस ने उन्हें अभिरक्षा में लिया और वाहन से थाने भेजा। सुचित्रा टॉकिज पर भी करनी सेना के कुछ कार्यकर्ता पहुंचे। यहां भी पुलिस ने कार्यकर्ताओं को पुलिस अभिरक्षा में लेकर थाने भेजा।
दो टॉकिजो मेंं हुआ प्रदर्शन
शहर के दयामंदिर टॉकिज में पद्मावत फिल्म दोपहर १२ बजे दिखाई गई। यहां करीब ४ शो हुए। अपरान्ह ३ बजे शहर के सुचित्रा टॉकिज में भी पद्मावत फिल्म का प्रदर्शन किया गया। यहां करीब ३ शो हुए।

विद्या का दान है संसार का सबसे बड़ा दान
धर्मसभा का हुआ आयोजन
मंदसौर । इस संसार में आप अन्य कोई भी दान कर लो, लेकिन संसार का सबसे बड़ा दान विद्या का दान होता है। यदि आप किसी को भोजन का दान कर रहे हो, तो इससे उसके एक या दो टाईम की समस्या हल होगी, लेकिन किसी को विद्या का दान कर रहे हो, तो इससे सामने वाले के जीवनभर की समस्या हल हो सकती है। इसलिए अपने जीवन काल में एसे दान भी करिए, जिससे की किसी को विद्या प्राप्त हो सके और इसी विद्या के ज्ञान से वह अपने व अपने परिवार का जीवनभर गुजर-बसर कर सके। यह बात गौतममुनिजी मसा ने कहीं। वे शनिवार को शहर के खानपुरा स्थित एक निवास पर धर्मसभा में बोल रहेथे। उन्होंने कहा कि अचिंतन करना ही सुख का द्वार है। संसार की प्रत्येक आत्मा सुख साता चाहती है, लेकिन सुख साता मिलेगी कैसे। इसके लिए आपको दूसरों का साता देना होगी। यदि आप दूसरों का साता दोगे तो खुद भी साता प्राप्त करोगे। क्योंकि संसार का नियम है, कि जैसा बोओगे वैसा ही काटोगे। यदि आप गृहस्थ जीवन में हो तो तो इन बातों का अवश्य ध्यान रखें, कि एसा व्यापार करें, जो कर्मों का खाता कम करें। हमेशा अपना दरवाजा जरूरतमंदों के लिए खुला रखें। क्योंकि जहां जरूरतमंदों की सेवा के लिए रास्ता खुला होता है, वहां लक्ष्मी हमेशा निहाल करती है। शरीर हमेशा निरोगी रखें।
धन आए तो दु:ख, धन जाए तो दु:ख।
उन्होंने कहा कि पत्नी आज्ञाकारी होना चाहिए जैसे कौशल्या, सीता और द्रोपदी। इसी तरह बेटा भी आज्ञाकारी होना चाहिए जैसे राम, भरत, कृष्ण। बड़ी ही मुश्किलों से श्रावक को जिन शासन का सानिध्य मिलता है। यूं तो संसार में अनेक धर्म है, लेकिन धर्म तो वह होता है जो आत्मा को तार दे। आधुनिकता में मोह का तांता इस कदर फैला हुआ है, कि धन आए तो दु:ख, धन जाए तो दु:ख। तपोविभूति वैभवमुनिजी, मधुर गायक शालीभद्र मुनिजी। गर्वित मारू ने भजन प्रस्तुति दी। व्याख्यान के दौरान नपाध्यक्ष प्रहलाद बंधवार, अनिता दीदी, ईश्वर रामचंदानी, रवि रांका, अशोक झेलावत, आशीष बोथरा, कपील भंडारी, मनोहरलाल सोनी, प्रताप मारू उपस्थित थे। संचालन अजीतकुमार नाहर ने किया। आभार अशोककुमार मारू ने किया।

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