मंदसौर. मध्यप्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। सीएम कमलनाथ खुद इसे लेकर सख्त हैं। लेकिन मंदसौर ( Mandsaur ) में मंगलवार को एक खाद्य अधिकारी ( food officer ) की बेबसी उस वक्त देखने को मिली। जब उसने अपने दर्द जाहिर करते हुए फफक कर रो पड़ा। जिले के एडीएम से जाकर खाद्य विभाग के अधिकारी ने शिकायत की कि टीम में शामिल अधिकारी उनकी मदद नहीं करते। फिर बाहर निकलकर वो रो पड़े।
दरअसल, अधिकारियों के असहयोग की वजह से खाद्य अधिकारी अपनी शिकायत लेकर जनसुनवाई में पहुंच गए। वहां अधिकारियों से ही अधिकारियों की शिकायत की। बोले मिलावटी पदार्थों की सैंपलिंग गठित दल के अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे। ऐसे में अकेले दुकानों से कैसे नमूने उठाएं। ये हाल तब है, जब पूरे प्रदेश में मिलावटखोरी का धंधा जोरों पर है। ऐसे में प्रदेश के अधिकारी कार्रवाई से भाग रहे हैं।
ये है खाद्य अधिकारी का दर्द खाद्य अधिकारी कमलेश जमरा ने जनसुनाई कर रहे एडीएम से कहा कि साहब, कलेक्टर साहब ने कार्रवाई के लिए दल बनाए हैं। कार्रवाई के लिए जब मैं अधिकारियों को फोन लगाता हूं तो व्यस्तता का बहाना बनाकर कोई आने को तैयार नहीं होता है। छोटी दुकानों पर तो सैंपलिंग कर लेता हूं, लेकिन बड़ी दुकानों पार कार्रवाई के लिए दल की जरूरत होती है। ऐसे में अन्य विभाग साथ आने को तैयार नहीं। मगंलवार को कार्रवाई के लिए, नायब तहसीलदार वैभव जैन, सहायक आपूर्ति अधिकारी श्याम गोयल, नपा स्वास्थ्य अधिकारी केजी उपाध्याय को जमरा के साथ जाना था। लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ।
इसे भी पढ़ें: तीन तलाक: 33 साल बाद इंदौर की शाहबानो को मिला न्यायबाहर निकल रोने लगे समस्या सुनने के बाद एडीएम ने जमरा को सभी को फोन लगाने के निर्देश दिए तो खाद्य अधिकारी कक्ष से बाहर निकल रोने लगे। मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो आनन-फानन में सभी दौड़ते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे। इसके बाद अधिकारियों की टीम साथ में कार्रवाई करने के लिए निकले।
वहीं, एडीएम बीएल कोचले ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। सभी अधिकारी कार्रवाई में जा रहे हैं। दल बनाकर मैंने ही रवाना किया है। सभी लोग उसमें शामिल हैं। गौरतलब है कि जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के छह स्वीकृत पदों में सिर्फ एक पर ही जमरा काम कर रहे हैं। पांच पद खाली हैं तो ऑपरेटर से लेकर बाबू के पद भी खाली पड़े हैं। ऐसे में सैंपल लेने से लेकर पैक करने और पंचानामा बनाने से लेकर तमाम कार्रवाई सभी जमरा को करनी पड़ती है।