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लॉकडाउन से इनकी मुसीबत बढ़ी
कोरोना के तेजी से फैलते संक्रमण को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने पहले 21 दिनों तक देशभर में लॉकडाउन किया था। हालांकि, स्थितियां अब तक नियंत्रण में नहीं आने के कारण 15 अप्रेल से एक बार फिर इस लॉकडाउनन 19 दिनों के लिए बढ़ाया गया है। यानी अब ये दूसरा लॉकडाउन 3 मई तक चलेगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि, सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर कोरोना के चेन ब्रेक करने का यही एक मात्र विकल्प है। कोरोना पर रोक लगाने के लिए तो लॉकडाउन बहुत प्रभावी कदम है। हालांकि, ये लॉकडाउन उन गरीब-मजदूरों पर बहुत भारी पड़ रहा है, जो रोजाना मजदूरी करके अपनी आजीविका चलाते थे। लॉकडाउन के कारण जहां एक तरफ उन गरीबों के पास रोजगार नहीं है, साथ ही बड़ा संकट भोजन का खड़ा हो गया है। ऐसे में इन कर्मवीर उन गरीब असहाय मजदूरों की संभव मदद करने के लिए अपने स्तर पर आगे आ रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में इन कर्मवीरों की ओर से किये जा रहा योगदान सराहनीय है।
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लैपटॉप का पैसे किये गरीबों की मदद के लिए दान
मंदसौर में दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले यशराज सिंह देवड़ा पिछले चार सालों से अपनी आगामी पढ़ाई को व्यवस्थित ढंग से करने के लिए अपनी सारी पॉकेट मनी को गुल्लक में जमा कर रहे थे। उनका उद्देश्य था कि, लैपटॉप उनकी आगामी पढ़ाई में मदद करेगा, इसलिए वो इन रुपयों से एक लैपटॉप खरीदना चाहता थे। इस साल उन्होंने अपने लिए लैपटॉप खरीदने की रकम इकट्ठा कर भी ली थी। हालांकि, इसी बीच कोरोना संक्रमण के कारण गरीबों पर हालात भी आ गए थे, जिसकी जानकारी यश को लगी तो उन्होंने ये निर्णय लिया कि, वो अपनी जमा रकम को सीएम रिलीफ फंड में जमा करेंगे।
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बेटे ने पिता को दिया मिसाली जवाब
बेटे ने अपने मन में किये निर्णय के बारे में अपने पिता को बताया। उसने अपने पापा से कहा कि, मैं अपनी जमा राशि गरीबों कीमदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में देना चाहता हूं। इसपर पिता ने कहा कि, बेटा तुमने ये निर्णय लिया, ये तो ब़ा सराहनीय है, लेकिन तुम एक बार सोच लो कि, लैपटॉप तुम्हारी आगामी पढ़ाई के लिए कितना महत्वपूर्ण है। क्योंकि, इसे खरीदने की तैयारी तुम पिछले 4 सालों से कर रहे हो और इतने समय में तुमने इतनी रकम जोड़ भी ली है कि, इससे तुम कोई अच्छा लैपटॉप ले सको। पिता की इस बात का जवाब देते हुए यश ने कहा कि- पिताजी, लेपटॉप तो बाद में भी खरीदा जा सकता है। लेकिन, इस समय मेरे लैपटॉप खरीदने से कई ज्यादा महत्वपूर्ण उन गरीब बेसहारा लोगों की मदद होना है, जो इस लॉकडाउन के कारण परेशान हो रहे हैं। हो सकता है कि, इन थोड़े से रुपयों से किसी की मदद हो जाए, जो वाकई इन पैसों की बहुत जरूरत हो।
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पिता ने भी किया मुख्यमंत्री राहत कोष में दान
यश की गुल्लक में 15,638 रुपए निकले, जिसे उसने मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर दिये। बता दें कि, दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र यशराज सिंह के पिता अनिल सिंह पैशे से किसान हैं। उन्होंने बताया कि, बेटे की बात सुनकर मन इतना खुश हुआ, मानो ऐसा लगा कि, हम अपनी आने वाली पीढ़ी को लोगों की सेवा करने वाले संस्कार दे सके। उन्होंने कहा कि, मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने अपनी जरूरतों से ज्यादा दूसरों की जरूरतों को पूरा करने को बड़ा कर्म माना। हालांकि, अपने बेटे की बात से प्रेरित होकर यश के पिता ने अपने बच्चों की पढ़ाई के पैसे भी कोरोनावायरस पीड़ितों की सेवा के लिए दान कर दिये हैं।
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अब तक इतने लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है कोरोना
कोरोना वायरस अब तक लगभग पूरी दुनियां में कोहराम मचा चुका है। विश्वभर में अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 19 लाख 91 हजार 799 हो चुकी है, जबकि इनमें से मृतकों का आंकड़ा 1 लाख 26 हजार 19 तक जा पहुंचा है। वहीं, भारत की बात करें तो यहां अब कोरोना संंक्रमित मरीजों की संख्या 9272 हो चुकी है, जबकि, संक्रमण की चपेट में आकर मरने वालों की संक्य़ा 353 हो चुकी है। इसके अलावा मध्य प्रदेश स्वास्थ विभाग द्वार जारी कोरोना बुलेटिन के मुताबिक, यहां अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 745 हो चुकी है, जबकि, मृतकों की संख्या 53 जा पहिंची है।