scriptस्क्रब टाइफस का मरीज सामने आने के बाद पहुंची गांव में भोपाल की टीम | Bhabhas team in the village after scrub typhus patient arrived | Patrika News
मंदसौर

स्क्रब टाइफस का मरीज सामने आने के बाद पहुंची गांव में भोपाल की टीम

स्क्रब टाइफस का मरीज सामने आने के बाद पहुंची गांव में भोपाल की टीम

मंदसौरDec 09, 2017 / 08:38 pm

harinath dwivedi

patrika

भोपाल की टीम



– टीम ने १३ चूहों को पकड़ा, भोपाल एम्स में होगा पीस्सू के लारवा सर्वे

मंदसौर.
जिले के सीतामऊ ब्लॉक के हनुमंतिया गांव में स्क्रब टाइफस बीमारी का मरीज मिलने के बाद शनिवार को भोपाल की एक टीम गांव में पहुंची। यहां पर टीम के सदस्यों ने ग्रामीणों को इस बीमारी के बारे में जानकारी दी और करीब १३ चूहों को पकड़ा। जिन पर बैठे पिस्सूओं का लारवा सर्वे भोपाल के एम्स कॉलेज में किया जाएगा। गांव अभी तक स्वास्थ्य विभाग के सतत् निगरानी में है।
आईडीएसपी के महेश धनोतिया ने बताया कि स्क्रब टाइफस बीमारी का मरीज निकलने के बाद हनुमंतिया के लिए भोपाल से स्वास्थ्य विभाग के उपसंचालक डॉ शैलेष पाटले, राज्य कीट वैज्ञानिक शेलेंद्र ङ्क्षसह आए है। उन्होंने गांव में ग्रामीणों से चर्चाकी और इस बीमारी के बारे में बताया। धनोतिया ने बताया कि १३ चूहे पकड़े है। जिनके पीस्सू का लारवा टेस्ट भोपाल के एम्स में किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस स्क्रब टाइफस बीमारी की पहली रोगी ७० वर्षीय महिला निकली थी।
क्या हैस्क्रप टाइफस
स्क्रप टाइफस एक बुखार है। यह जंगली घास में रहने वाले कीड़ों में पलने वाले पिस्सु की वजह से फैलता है। जहां पर मवेशियों को विचरण होता है। जो रिकेटसिया द्वारा उत्पन्न रोगों का समूह है। इस समूह में सू-सू गामोशी नामक कीटाणु के संक्रमण से यह बुखार होता है। इसकी जांच इंदौर या अन्य बड़े शहरों में होती है।
स्क्रप टाइपस के लक्षण
आईडीएसपी यूनिट के महेश धनोतिया ने बताया कि स्क्रप टाइपस बुखार के लक्षण सिरदर्दहोना। सर्दीलगना, बुखार, शरीर में दर्द तथा पांचवे दिन के बीच शरीर पर लाल दाने निकलने जैसे लक्षण होते है। इसमें बुखार सात से लेकर १२ दिन तक रहता है। बेहोशी और ह्दय संबंधी समस्या सामने आती है। गहरे लाल रंग के ये दाने दो से लेकर पांच मिलीमीटर तक के होते है। यह रोग कम उम्र के लोगों के लिए खतरनाक नहीं होता है। लेकिन ४० वर्षसे ऊपर की आयु के पचास प्रतिशत रोगी एवं ६० वर्ष से ऊपर के मरीज के लिए यह बहुत खतरनाक होता है। यह रिपोर्ट करीब २५ दिन पहले आई थी। धनोतिया ने बताया कि महिला को संक्रमण राजस्थान में ही हुआ था। अब पूरी तरह स्वस्थ्य है।
बुखार का उपाय बचाव
उन्होंने बताया कि यह रोग ज्यादातर कीड़ों के माध्यम से फैलता है। इसलिए सबसे जरूरी है कि आस-पास झाडिय़ां और जंगली घास ना पनपे। घर के पास मवेशी बंधते हैतो वहंा पर साफ सफाईरखे। मवेशियों का समय-समय पर पशु चिकित्सकों से परीक्षण करवाएं। कीड़ों को नष्ट करवाएं।

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