फाइनेंस कंपनी की धोखाधड़ी और धमकियों से परेशान आकर किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द पुलिस चौकी पहुंचे। यहां उन्होंने परेशान करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं, दूसरी तरफ फाइनेंस कंपनी के अफसरों का कहना है कि, उनपर लगाए जा रहे आरोप गलत हैं। कंपनी को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, 27 फरवरी को किसान द्वारा शिकायत सामने आने के बाद पुलिस ने 28 फरवरी को कंपनी के अफसरों को पुलिस थाने बुलाया था, लेकिन वो थाने नहीं पहुंचे।
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बताया जा रहा है कि, काचरिया चन्द्रावत गांव में रहने वाले हीरालाल पिता बगदीराम पाटीदार ने बताया कि मैंने तिरुपति प्लाजा मंदसौर पर स्थित विस्तार फायनेंस कंपनी लिमिटेड से 11 लाख 75 हजार रुपए का लोन 2019 में लिया था। 23 हजार 295 रुपए की किस्त के हिसाब से 43 किस्तें जमा भी दर दी हैं। इस हिसाब से जोड़ें तो अबतक 10 लाख से अधिक जमा राशि जमा भी कर दी गई है। बावजूद इसके फाइनेंस कपंनी मुझपर 12 लाख रुपए और बकाया निकाल रही है। उन्होंने कहा कि, बकाया रकम जमा कराने के लिए उनपर दबाव बनाया जा रहा है।
हीरालाल के अनुसार, कंपनी ने जो ब्याज दर बताई थी, उससे बहुत ज्यादा ब्याज दर जोड़कर रुपए वसूल रही है। 17 फरवरी को विवेक दांतरे, गौरव कल्याणे और एक अन्य व्यक्ति उनके गांव पहुंचे और वसूली के लिए दबाव बनाया। ये तीनों जबरन घर में घुसे बाकी रुपए जमा कराने पर अड़ गए। उन्होंने घर की महिलाओं से भी अभद्र व्यवहार किया। गाली-गलौज करते हुए घर से बाहर करके ताला डालने की धमकी दी। किसान के अनुसार, उन्होंने राशि जमा कर दी। फिर भी उनपर पेनल्टियां लगा दी। उसका हिसाब भी नहीं देते। रोजाना कॉल करके धमकियां देते हैं।
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वहीं, दूसरी तरफ कंपनी के कलेक्शन ऑफिसर गौरव कल्याणे ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि किसान की ओर से लगाए आरोप गलत हैं। हमने धमकी नहीं दी हैं। किसान ने 25 फरवरी तक साढ़े तीन लाख रुपए और बाकी राशि पांच मार्च तक जमा कराने को कहा था। इसके चेक भी दे रखे हैं। लिखित में हस्ताक्षर कर ये बात कंपनी को दी थी। इसके वीडिया और दस्तावेज भी हमारे पास हैं। नियत तिथि को राशि जमा नहीं कराई। कॉल रिसीव नहीं करने पर हम गांव गए थे। घर में भी नहीं गए। अभद्र व्यवहार करने का आरोप गलत है। ये सब हमें बदनाम करने की साजिश है।