मैनेपुरी गांव के निवासी देवेंद्र यादव की पुत्री अंशिका जिसकी उम्र 16 वर्ष थी, और कुंवर सिंह की पुत्री दिव्या जिसकी उम्र 17 वर्ष थी जनपद एटा स्थित कॉलेज से घर आने के बाद दोनों की अचानक तबियत बिगड़ती गई। मंगलवार की शाम परिजन आनन फानन में उपचार के लिए अस्पताल ले गए लेकिन अस्पताल में डॉक्टर ने दोनों छात्रों को मृत घोषित कर दिया था।
डॉक्टर ने क्या कहा ?
चिकित्सको का कहना है कि छात्राओं के शरीर में कोई जहर था, उनकी मृत्यु जहर की वजह से हुई है। दोनों छात्रों के शरीर में कोई जहर था। जिस कारण से उनकी हालत बिगड़ती चली गई थी। जहर की जांच के लिए मृत छात्राओं की बॉडी को लैब भेजा गया है।
परिजनों में क्या कहा ?
परिजनों का कहना है दिव्या और अंशिका बहुत ही अच्छी दोस्त थी और दोनों अक्सर साथ ही रहती थीं। हमेशा की तरह मंगलवार की सुबह भी दोनों सहेलियां साथ ही कॉलेज गई थी वहां पर दोनों ने खाना भी खाया था। लेकिन वहीं दूसरी तरह यह भी यह कि दोनों की टिफिन जब खोले गए तो वह खाली थे। इससे यह तो साफ है कि खाने से उनकी मौत नहीं हुई है। वहीं एसपी का कहना है कि दोनों सहेली बस से उतरने के बाद 10 मिनट तक रुकी रहीं थीं। जांच के दौरान अंशिका के हाथ पर “ये मेरी जिंदगी का आखिरी दिन है” लिखा हुआ मिला। इसे यह तो साफ है कि अंशिका को कोई न कोई बात बहुत परेशान कर रही थी। लेकिन अब सवाल यह है कि दिव्या ने खुदकुशी क्यों की जैसी यह कदम क्यों उठाया। अगर दोनों सहेलियों ने एक साथ खुदकुशी करने का फैसला लिया होता तो यह बात दोनों के हाथ पर लिखी होती। परिजन से पूछे जाने पर परिजन को इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं है।
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परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप पुलिस ने किया इंकार, अभी तक नहीं हुई FIR कल्यानपुरी थाना की एसपी विनोद कुमार ने मामले को गंभीरता से जांच करने की बात कही है। आखिर छात्राओं ने जहर क्यों खाया? क्या वजह थी? ऐसा क्या हुआ जो उन्हें इस तरह का निर्णय लेना पड़ा। ऐसे कई सवालों के जवाब के लिए पुलिस की टीम जांच में जुट गई है।