महराजगंज का राम ग्राम, बुद्ध ने तपस्या के दौरान त्यागे थे वस्त्र
इतिहासकारों का मानना है कि राम-ग्राम वही स्थान है, जहां भगवान बुद्ध के अस्थि कलश का आठवां हिस्सा रखा गया था। यही वह जगह है जहां से भगवान बुद्ध ने तपस्या के दौरान अपने वस्त्र त्यागे थे और इसे उनके ननिहाल और ससुराल के रूप में भी जाना जाता है।
केंदीय वित्तमंत्री ने किया उत्खनन का शुभारंभ
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस मौके पर कहा, “मुझे पूरी उम्मीद है कि इस खुदाई से भगवान बुद्ध की अस्थि कलश के आठवें हिस्से का पता चलेगा। इससे महाराजगंज जनपद को पर्यटन की दृष्टि से नई पहचान मिलेगी और यहां की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा मिलेगा।इस अवसर पर बौद्ध धर्म के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानेश्वर जी ने भी अपने अनुयायियों के साथ पूजा अर्चना की और खुदाई की विधिवत शुरुआत की।
ऐतिहासिक महत्व को पुनः जीवित करेगी
यह उत्खनन पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है, जो क्षेत्र में बौद्ध संस्कृति और धरोहर के प्रति जागरूकता बढ़ाएगा।केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी के निरंतर प्रयासों और भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा इस उत्खनन के लिए मंजूरी मिलने के बाद, यह कार्य अब धरातल पर उतर चुका है। यह खुदाई न केवल ऐतिहासिक महत्व को पुनः जीवित करेगी, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बनेगी।