आपको बता दे कि पिछले माह ही आयुक्त ने सभी जिले के परिवहन अधिकारियाें को निर्देश जारी किया था। दरअसल, यात्री बसों में महिलाओं और स्कूल बसों में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए वीएलटी डिवाइस व पैनिक बटन लगाने को अनिवार्य किया गया है।
हालांकि, पिछली सरकार द्वारा भी यह निर्देश जारी किया गया था, लेकिन सालभर बाद भी ऑपरेटर लगाए नहीं हैं। बताया जा रहा है कि नई बसों में पहले से ही जीपीएस लगा होता है। वह जीपीएस बस ऑपरेटरों की मॉनिटरिंग के लिए होता है। वीएलटी डिवाइस शासन द्वारा तय की गई डिवाइस है। जिससे बसों की मॉनिटरिंग की जाएगी।
स्कूल बसों के रूट पर भी मैप
वही नवीन व्यवस्था के तहत स्कूल बसों के रूट पर भी मैप रहेगा। मिली जानकारी के अनुसार वीएलटी डिवाइस की कीमत 11500 रुपए एक साल की गारंटी व 13500 रुपए की निर्धारित की गई। जीपीएस लाइव सर्टिफिकेट व फिटनेस सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग रायपुर से की जाएगी। वही परिवहन अधिकारी आरके ध्रुव ने बताया कि वीएलटी डिवाइस लगाने के निर्देश दिए गए हैं। यात्री बसों व स्कूल बसों व पुराने वाहनों में भी लगाना जरूरी है। बसों में जीपीएस पहले से लगा भी हुआ है तो भी सरकार द्वारा निधारित ही डिवाइस लगानी है, जिससे मॉनिटरिंग की जा सके।
वीएलटी डिवाइस की कीमत है बहुत काम
आपको बता दे कि बस ऑपरेटर संघ के राकेश चंद्राकर ने बताया कि वीएलटी डिवाइस की कीमत बहुत ज्यादा है। मार्केट में पांच हजार रुपए में उपलब्ध है। परिवहन विभाग द्वारा जारी रेट दोगुने से भी ज्यादा है। जिनके पास ज्यादा गाड़ियां हैं, उनका खर्चा ज्यादा हो जाएगा। डिवाइस की कीमत 5 हजार के आस-पास होनी थी। पिछले दिनाें कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था।
स्पीड पर होगी नजर
परिवहन विभाग का कहना है कि कंट्रोल रूम से वीएलटी डिवाइस के माध्यम से वाहनों की स्पीड भी मॉनिटरिंग की जा सकेगी। हादसा होने पर तुरंत पैनिक बटन के माध्यम से सहायता भी देने की बात कही जा रही है। साथ ही वाहनों के चोरी होने पर भी वाहनाें को आसानी से खोजा जा सकेगा।
महिला सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
एक बार फिर से देश में महिला सुरक्षा का मुद्दा देशभर में छाया हुआ है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार से सवाल हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बसों में सालों बाद भी ऑपरेटर वीएलटी व पैनिक बटन नहीं लगा पाए हैं। नई सरकार बनने के बाद भी दो बार निर्देश जारी किया जा चुका है।
फरवरी में जारी किया निर्देश
29 फरवरी 2024 को विभाग ने जिला अधिकारियों को निर्देश जारी किया था। एक मार्च 2024 से वीएलटी डिवाइस को अनिवार्य किया गया है, लेकिन इसका पालन नहीं होने के कारण 31 जुलाई को फिर से निर्देश जारी किया है। इसके बाद भी अधिकांश पुराने वाहनों में वीएलटी डिवाइस नहीं लग पाई है। वही ऑपरेटर भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।