लाफिनखुर्द निवासी प्रार्थी रामनारायण साहू ने बताया कि 17 अगस्त को मुझे फेसबुक पर एक शेयर मार्केट स्टॉक सुझाव और जानकारी वाले आरबीएल ग्रुप दिखाई दिया। जिसे खोलने पर व्यक्तिगत व्हाट्सएप नंबर खुला। फिर इस व्हाट्सएप नंबर से मुझे ग्रुप में जोड़ा गया। इसमें प्रतिदिन शेयर की खरीदी या बिक्री का सुझाव व्हाट्सएप अर्जुन हिन्दूजा द्वारा दिया जाता था। व्हाट्सएप में 26 अगस्त को नई सर्विस की प्रांरभ की। इसमें ग्रुप में एक वीआईपी सर्विस सेंटर बनाया। जिसका नाम आरबीएल सिक्योरिटी नंबर 1006 व वाट्सऐप द्वारा अपने नया सर्विस के ऐप जिसका नाम आरबीएल था। जिसका लिंक दिया।
लालच में आकर फंसता गया
मैं उसकी बातों में आकर लालच में ग्रुप में जुड़कर फंसता चला गया। ऐप से शेयर मार्केट में निवेश के लिए 26 अगस्त को 60000 हजार रुपए दिए। इस राशि से ऐप पर प्रतिदिन 2 से 3 शेयर कंपनी का नाम खरीदी के लिए दिया गया था। 27 अगस्त को इस ऐप की जांच के लिए 500 पांच सौ का आहरण किया, जो मेरे बैंक खाता में प्राप्त हुआ। 28 अगस्त को फिर से 29 हजार रुपए विनायक इंटरप्राइसेस खाता में जमा किया गया। 2 सितंबर को फिर से अधिक निवेश के लिए गया। लोन की किस्त जमा करने मैंने अपने जान पहचान वालों से 500000 रुपए का उधार लिया। राशि का भुगतान के लिए ऐप्स सर्विस सेंटर में बात की, तो उन्होंने नया बैंक खाता में जमा करने को कहा। 13 सितंबर को ऑनलाइन बैंकिंग खाता जमा कर दिया गया। पता चला कि लोन खाता में जमा नहीं हुआ। कहा गया कि आप फिर से किस्त राशि भेजिए। तब
ठगी अहसास हुआ। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज मामले की जांच में जुटी हुई है।