19 जुलाई की रात करीब 9.30 बजे भालू सिरपुर स्थित सर्किट हाउस में घुस आया। जिसे भगाने के प्रयास में नाइट ड्यूटी करने वाले देवेंद्र साहू उर्फ लकी गिर गया और उसके हाथ पैर में चोट पहुंची है। इसी तरह सिरपुर के पुजारी अमन गिरी गोस्वामी ने बताया कि भालू गंधेश्वर मंदिर परिसर में रात में घूमता रहा और धुनी के पास रखे नारियल खाया है तथा बरगद पेड़ के आसपास लगातार वितरण करता रहा। वन विभाग की टीम भालू निकालने में जुटा रही और उसे सेनकपाट की जंगल की ओर खदेड़ा गया है। बहरहाल, सेनकपाट व खड़सा जंगल के आसपास भालू के होने की संभावना है।
इधर, लंहगर के ग्रामीण राधेलाल सिन्हा ने बताया कि उक्त भालू करीब 15 दिनों से खड़सा, सेनकपाट, सिरपुर व मोहकम के आसपास विचरण कर रहा है। इस दौरान खड़सा तथा सेनकपाट के कई घरों में भालू के धमकने की सूचना है। संध्या होने के बाद भालू आमतौर पर जंगल से निकलकर गांव में पहुंचता है। ग्रामीणों का कहना है कि भालू का पसंदीदा भोजन वन क्षेत्र व गांव के आसपास पर्याप्त मात्रा में है। जिसके लालच में वह गांवों में पहुंच रहा है। इसी तरह सिरपुर के मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा नारियल भेंट किया जाता है। हो सकता है कि नारियल की खुशबू से मंदिर व आसपास पहुंचा हो।
उल्लेखनीय है कि 22 जुलाई से बम्हनी से सिरपुर तक कांवर यात्रा शुरू होगी। हालांकि, शुरुआत में तीर्थ यात्रियों की उपस्थिति कम रहेगी, लेकिन दूसरे शनिवार से कांवर यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। यात्री रात में जंगल मार्ग से ही यात्रा करते हुए सिरपुर पहुंचते हैं। जिसको ध्यान में रखते हुए वन विभाग को सुरक्षा व्यवस्था व गश्ती दल को तैनात रखने की जरूरत होगी। मंदिर में खाद्य पदार्थ मिलने के कारण ही बागबाहरा घुंचापाली के चंडी मंदिर और मुंगई माता में भालुओं की आमद बनी हुई है।
दर्शनार्थी भालू देखने संध्या बेला में मंदिर पहुंचते हैं और अपने हाथों से खाद्य पदार्थ भी खिलाते हैं। रेंजर सियाराम करमाकर ने बताया कि सिरपुर में भालू पहुंचने की सूचना मिली है और वहां तैनात टाइगर ट्रैकिंग टीम उसे खदेड़ने में लगी रही। बीच में तीन हाथी भी क्षेत्र में पहुंच गए थे, जो अब बलौदा बाजार जिले में चले गए हैं।