पिछले वषों की तुलना में इस खरीफ सीजन में सबसे ज्यादा 81 हजार किसानों ने लगभग 437 करोड़ का ऋण लिया था। 79130 किसानों से ऋण की वसूली हो चुकी है। जिले में जिला सहकारी बैंक की कुल 13 शाखाएं हैं। इसमें 2023 में सबसे ज्यादा ऋण कोमाखान शाखा के किसानों ने लिया था। लिकिंग के माध्यम से ही लगभग 426 करोड़ और तीन करोड़ रुपए अन्य माध्यम से वसूल की गई है। किसानों को प्रतिवर्ष खाद, बीज व कीटनाशक आदि के लिए ऋण का वितरण किया जाता है।
जिसकी वसूली धान खरीदी के बाद लिंकिंग के माध्यम से ही कर ली जाती है। जिनसे लिंकिंग के माध्यम से वसूली नहीं हो पाती है, उन्हें बैंक नोटिस भेजता है। शीघ्र ऋण राशि का भुगतान करने के लिए कहा जाता है। वर्तमान में धान खरीदी की राशि निकालने के लिए किसानों की भीड़ जिला सहकारी बैंक में रोजाना उमड़ रही है। काउंटर एक होने से किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। किसानों का नाम माइक के माध्यम से पुकारा जाता है। इसके बाद किसान राशि प्राप्त करने के लिए काउंटर में पहुंचते हैं। जिला सहकारी बैंक के सामने एटीएम होने के बाद भी लोग इसका उपयोग नहीं करते हैं। नोडल अधिकारी जीएन साहू ने बताया कि ऋण की वसूली मार्च तक चलेगी। इसके बाद नोटिस भेजा जाएगा।
रबी सीजन में इस बार रुचि कम रबी सीजन में इस बार जिले के 1575 किसानों को सात करोड़ 24 लाख रुपए ऋण का वितरण किया गया है। ऋण वितरण की प्रक्रिया इस वर्ष देर से प्रारंभ हुई। पिछले वर्ष लगभग 50 करोड़ रुपए ऋण का वितरण रबी सीजन में किया गया था। इस वर्ष किसानों में उत्साह नहीं दिख रहा है। जिला सहकारी बैंक से ऋण वितरण की प्रक्रिया इसी माह तक चलेगी। अक्टूबर माह से ऋण का वितरण किया जा रहा है। इस साल अभी तक रबी फसल के लिए ऋण लेने के लिए गिनती के किसान ही पहुंच रहे हैं।
ऋण लेने में परेशानी धान खरीदी लिकिंग के बाद भी कई किसान ऋण का भुगतान नहीं कर पाते हैं। जिसके बाद उन्हें डिफाल्टर की श्रेणी में डाल दिया जाता है। नोटिस के बाद भी राशि भुगतान नहीं करने पर नया ऋण लेने में भी परेशानी आती है।