इस जिले में जाति प्रमाण-पत्र के 1243 आवेदन पेंडिंग, लोगों को काटने पड़ रहे दफ्तरों के चक्कर…सामने आई ये बड़ी वजह
Mahasamund News: जिले में आय-जाति व निवास प्रमाण-पत्र बनाने के लिए महीनेभर का इंतजार करना पड़ रहा है। आवेदकों ने लोक सेवा केंद्र में आवेदन किया है, लेकिन एक माह बाद भी प्रमाण-पत्र नहीं मिल पाया है।
Chhattisgarh News: महासमुंद। जिले में आय-जाति व निवास प्रमाण-पत्र बनाने के लिए महीनेभर का इंतजार करना पड़ रहा है। आवेदकों ने लोक सेवा केंद्र में आवेदन किया है, लेकिन एक माह बाद भी प्रमाण-पत्र नहीं मिल पाया है। आवेदकों को घुमाया जा रहा है। घर पहुंच सेवा भी हवा-हवाई साबित हो रही है। जाति प्रमाण-पत्र के 1243 कुल आवेदन लंबित हैं। आय प्रमाण-पत्र के 1563 और निवासी प्रमाण-पत्र के 518 आवेदन लंबित हैं।
समय पर प्रमाण-पत्र नहीं बनने से आवेदक लोकसेवा केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं। सारे कार्य ऑनलाइन होने के बाद भी कार्य शीघ्र नहीं हो पाया है। कई आवेदन (Mahasamund News) महीनेभर की प्रक्रिया के बाद निरस्त हो जाते हैं। जिससे आवेदकों को फिर से वहीं प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
महासमुंद निवासी ललित ने बताया कि जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए महीने भर से भटक रहे हैं, लेकिन प्रमाण-पत्र नहीं बन पाया है। नयापारा निवासी नरेंद्र ध्रुव ने बताया कि तीन बार लोक सेवा केंद्र आ चुके हैं। प्रमाण पत्र नहीं बना है। कृष्ण कुमार ने बताया कि महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। बार-बार घुमाया जा रहा है।
स्कूल वाले प्रमाण-पत्र मांग कर रहे हैं। मेघनाथ ने बताया पहले आवेदन किया था। अब फिर से आवेदन करने के लिए बोल रहे हैं। तहसीलदार चंद्रशेखर मंडई ने बताया कि आवेदकों की संख्या ज्यादा होने के कारण प्रमाण-पत्र बनाने में समय लग रहा है।
घर भी नहीं पहुंच रहे प्रमाण-पत्र ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जाति, आय, निवासी बनाने के लिए सरपंच, सचिव, पटवारी व इसके बाद शपथ पत्र बनाने आदि के लिए चक्कर काटने पड़ते हैं। इनके हस्ताक्षर लेने में भी लोगों को मशक्कत करनी पड़ती है। इसमें भी कई दिन लग जाते हैं। इसके बाद आवेदन करने के बाद भी महीने भर का इंतजार लोगों को करना पड़ता है।
एक प्रमाण-पत्र बनाने में लोगों को काफी चक्कर लगाना पड़ता है। सरकार द्वारा मितान सेवा योजना शुरू की गई है। इसके माध्यम से दस्तावेज घर तक पहुंचाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन दस्तावेज के इंतजार में दिन कट रहे हैं। मजबूर होकर कार्यालय के ही चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
प्रमाण-पत्र बनाने एजेंट सक्रिय आय, जाति, निवासी प्रमाण-पत्र बनाने के लिए एजेंट भी सक्रिय हैं। ज्यादातर जो स्वयं अपना ऑनलाइन आवेदन करते हैं, उन्हें लंबा इंतजार भी करना पड़ता है। वहीं एजेंटों के जरिए कार्य कराने वालों का कार्य शीघ्र हो जाता है। मिलीभगत लंबे समय चल रही है। ज्यादा पैसे देकर कार्य कराने वालों का कार्य शीघ्र हो जाता है। अन्य आवेदकों के आवेदन लंबित रहते हैं।