मुश्किलों का सामना जि़क्रयोग्य है कि लुधियाना एक औद्योगिक शहर है जहाँ लगभग 95,000 सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योग हैं जो हुनरमंद और ग़ैर-हुनरमंद 10 लाख से अधिक कामगारों को रोजग़ार देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कामगार विभिन्न राज्यों से सम्बन्धित हैं और लम्बा समय लॉकडाउन रहने के कारण बेरोजग़ार हो चुके हैं और उनको बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
कार्य संचालन का सख्ती से पालन हो मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन छोटी इकाइयों जहाँ आम तौर पर कामगार वहां या आस-पास ही रहते हैं, को कोविड-19 के निर्धारित कार्य संचालन (एस.ओ.पी.) की सख़्ती से पालना और सीमित पहुँच की ज़रूरतों के आधार पर काम शुरू करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक इकाईयों द्वारा लुधियाना जिले के ग़ैर-सीमित ज़ोन के ज़मीनी प्रयोग के मिश्रित क्षेत्रों में कोविड-19 के एस.ओ.पीज़ की पालना को यकीनी बनाने और सीमित पहुँच के साथ औद्योगिक इकाइयां चलाने की आज्ञा देने की बार-बार अपील की गई थी। उन्होंने कहा कि राज्य के उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने भी सुझाव दिया था कि छोटे इकाइयों को चलाने की इजाज़त दी जानी चाहिए, जिससे बड़े उद्योग भी अपना काम शुरू कर सकें।
6900 औद्योगिक इकाइयां शुरू हो पाई थीं मुख्यमंत्री ने बताया कि उनको जानकारी दी गई है कि लुधियाना के मास्टर प्लान के अंतर्गत एस.ई.ई., ई.ओ.यूज़, इंडस्ट्रियल एस्टेट, फोकल प्वाइंट , मनोनीत औद्योगिक इलाकों के अधीन उद्योग चलाने के ताज़ा दिशा-निर्देशों के अंतर्गत दी गई मंज़ूरी के बावजूद लुधियाना के कुछ औद्योगिक इलाकों में उद्योग अपने काम शुरू नहीं कर सके थे। उन्होंने कहा कि यह दूर्भाग्यपूर्ण है कि बन्दिशों में ढील दिए जाने के बावजूद लुधियाना के अंदर सिर्फ 6900 औद्योगिक इकाइयों द्वारा औद्योगिक गतिविधियों शुरू की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि काफ़ी छोटी औद्योगिक इकाईयों की विभिन्न छोटी और घरेलू औद्योगिक इकाइयाँ जो मास्टर प्लान के अनुसार ज़मीनी प्रयोग के मिश्रित क्षेत्रों में स्थापित हैं, पर औद्योगिक ज़रूरतों के लिए निर्भरता होने के कारण इनकी तरफ से काम की शुरुआत नहीं की गई।
कामगारों को लाभ मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी तरफ से जि़ला प्रशासन को औद्योगिक ईकाइयों को काम शुरू करने के लिए उत्साहित करने संबंधी निर्देश दिए गए हैं, जिससे इनमें काम करने वाले बड़ी संख्या में कामगारों को लाभ हो सके और टाउन प्लानिंग विभाग की नोटिफिकेशन के अनुसार नोटीफाई मास्टर योजना और ज़मीनी प्रयोग पक्ष से मिश्रित क्षेत्रों की औद्योगिक ईकाइयों को काम करने के लिए मंज़ूरी दी हुई है। इसलिए इन उद्योगों, जो लुधियाना के मास्टर प्लान के अनुसार नियत औद्योगिक क्षेत्रों / फोकल प्वाइंटों / औद्योगिक एस्टेट / एस.ई.ई. /ई.ओ.यू में आने वाले उद्योगों के लिए सप्लाई की कड़ी का हिस्सा होने के कारण भी मंज़ूरी देने की ज़रूरत है।
लघु और छोटी औद्योगिक इकाइयाँ मिश्रित क्षेत्रों की लघु और छोटी औद्योगिक इकाइयाँ जिले के औद्योगिक क्षेत्र का 50 फीसदी हिस्सा बनता है और इनमें 5-6 लाख कामगार काम करते हैं। चार साल पहले स्थापित की गई इन इकाइयों को तमाम व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए औद्योगिक कनैक्शन मुहैया करवाए गए थे और यह मिश्रित ज़मीनी प्रयोग क्षेत्रों को ग्रीन उद्योगों के हिस्सों के रूप में विचारा गया था। यहाँ यह भी बताने योग्य है कि यह उद्योग इनके मालिकों द्वारा ख़ुद चलाए जाते हैं और स्थानीय क्षेत्रों में रहते बहुत थोड़े कामगारों को इनमें रोजग़ार प्राप्त है।