जेल में बंद विजय मिश्रा के भदोही में पंचायत चुनाव से दूर रहने से जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव रोचक होता जा रहा है। अध्यक्ष की कुर्सी पर जहां भाजपा विधायक रविंद्र नाथ त्रिपाठी की निगाहें हैं तो वहीं समाजवादी पार्टी भी किसी भी तरह कब्जा चाहती है। सपा ने सबसे पहले प्रत्याशी की घोषणा भी कर दी है और सबसे अधिक सदस्य होने का दावा भी कर रही है। हालांकि भाजपा अभी भी प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है। भाजपा विधायक के भाई और भतीजे भी पार्टी से बगावत कर जिला पंचपायत सदस्य का चुनाव जीते हैं।
भदोही: अब तक विजय मिश्रा का रहा है सीधा दखल
इस बार चुनावी फिजा भले ही बदली हो, लेकिन पूर्व में हुए ज्यादातर चुनावों में ज्ञानपुर के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा का सीधे तौर पर दखल रहता था। विजय मिश्रा पहली बार खुद सपा से जिला पंचायत के अध्यक्ष हुए। जब सपा से विधायक चुने गए तो उन्होंने पत्नी रामलली मिश्रा को अध्यक्ष बनवाया। सपा में रहते हुए दोबारा पत्नी को अध्यक्ष बनाया। इसके अलावा सपा के दूसरे प्रत्याशियों को भी अध्यक्ष बनवाया, लेकिन कुर्सी का कंट्रोल विधायक के हाथ में ही रहता था।
जौनपुर: परिवार में कुर्सी रखना चाहते हैं धनंजय सिंह
पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह के चलते इस बार जौनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी की लड़ाई भी बेहद अहम हो गई है। 2014 से लेकर अब तक लोकसभा और विधान सभा में धनंजय सिंह और उनके परिवार को पांच बार हार का सामना करना पड़ा है। हालात ऐसे हैं कि इस बार धनंजय सिंह ने अपनी पत्नी श्रीकला रेड्डी को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़वाया। एक तरफ पुलिस खोजती रही और दूसरी ओर उससे बचकर वो पत्नी के लिये वोअ मांगते दिखे। पत्नी को जीत हासिल हुई। कहा जा रहा है कि धनंजय सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी परिवार में रखना चाहते हैं।
आसान नहीं बाहुबली की राह
जौनपुर की मल्हनी सीट पर हुए उपचुनाव में एक बार फिर दूसरे नंबर पर रहे धनंजय सिंह के लिये पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाना आसान नहीं। एक तरफ भाजपा किसी भी कीमत पर अध्यक्ष पद पर कब्जा चाहती है तो दूसरी ओर सपा भी एंड़ी चोटी का जोर लगाए है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि 2014 से हार का सामना कर रहे धनंजय सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा कर पाते हैं।