चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अनुमान के मुताबिक, वर्तमान में लगभग 2155 डॉक्टर, 3090 स्टाफ नर्स, 1540 वार्ड ब्वॉय और 1540 सफाईकर्मियों की आवश्यकता है, जबकि इससे कम मानव संसाधन ही उपलब्ध है। यही नहीं, कार्यरत सभी कर्मचारी भी विभिन्न कारणों से उपलब्ध नहीं हो पाते। ऐसे में सरकार ने कार्यरत डॉक्टर और कर्मचारियों को अतिरिक्त मानदेय देने का फैसला किया है, ताकि अतिरिक्त मानव संसाधन उपलब्ध हो सके। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना योद्धाओं के सेवाभाव की सराहना करते हुए अतिरिक्त मानदेय की व्यवस्था का निर्देश दिया था।
नियत मानदेय पर मिलेगा 25 फीसद अतिरिक्त प्रोत्साहन
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कोविड अस्पतालों में कार्यरत डाक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाईकर्मियों (नियमित अथवा आउटसोर्सिंग) को वर्तमान में दिए जा रहे मूल वेतन और नियत मानदेय पर 25 फीसद अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा एमबीबीएस इन्टर्न को 500 रुपए, एमएससी नर्सिंग छात्र-छात्राओं को 400 रुपए, बीएससी नर्सिंग छात्र-छात्राओं को 300 रुपए, एमबीबीएस अंतिम वर्ष और जीएनएम छात्र-छात्राओं को 300 रुपए प्रतिदिन दैनिक मानदेय पर तैनात किया जाएगा।
ये भी पढ़ें – विधायक सुरेंद्र मैथानी ने कोविड अस्पताल बनाने को दिया 3 मंजिला मकान
एक मई से 31 जुलाई तक के लिए है योजना
वहीं, सैंपल की जांच के लिए लैब और उनसे संबंधित क्षेत्रों में तैनात किए जाने वाले मालिक्यूलर माइक्रो बायोलाजिस्ट, लैब टेक्नीशियन, डाटा एंट्री आपरेटर, लैब अटेंडेंट को इनके मूल वेतन या मानदेय की राशि पर दस फीसद अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने स्पष्ट किया कि यह प्रोत्साहन धनराशि चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले राजकीय चिकित्सालयों में ही लागू होगी। साथ ही यह पैसा कोविड वार्ड या लैब में ड्यूटी दिवसों के आधार पर दी जाएगी। एक्टिव क्वारंटाइन की अवधि को भी ड्यूटी दिवसों में ही जोड़ा जाएगा। फिलहाल यह योजना एक मई से 31 जुलाई तक के लिए है। फिर मुख्यमंत्री के अनुमोदन पर परिस्थितियों के अनुसार आगे भी बढ़ाया जा सकता है।