2017 से पहले यूपी समाजवादी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। उस समय अखिलेश ने वाराणसी में वरूणा कॉरिडोर बनाने का सपना देखा था। सरकार बदली प्रोजेक्ट पर लगी रोक
सपा की सरकार में वरूणा कॉरिडोर के लिए 201 करोड़ रुपये का बजट पास हआ। इस प्रोजक्ट पर काम चल रहा था। 2017 विधानसभा चुनाव में सपा सरकार सत्ता से बाहर और बीजेपी सत्ता में काबिज हुई। इसके बाद वरूणा कॉरिडोर प्रोजक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। अब योगी सरकार उसे नया और खूबसूरत बनाने जा रही है। इसके लिए सर्वे का काम पूरा हो गया है।
वही पेड़ लगाए जाएंगे जो पानी में पनप सकें राजधानी लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर वरुणा कॉरिडोर का निर्माण हो रहा था। कॉरिडोर क्षेत्र में उन पौधों को लगाया जाएगा, जो न सिर्फ इसकी खूबसूरती बढ़ाएंगे। वरूणा कॉरिडोर का इलाका बाढ़ क्षेत्र वाला है। इसलिए कॉरिडोर के दोनों छोर पर ग्रीनरी बढ़ाने के साथ ही पूरे इलाके को ग्रीन बेल्ट के तौर पर डेवलप किया जाएगा। यहां पर वहीं पौधे लगाए जाएंगे जो पानी में भी पनप सकें। कॉरिडोर क्षेत्र में जामुन पाकड़, अर्जुन जैसे पौधों के अलावा कुछ छोटे पौधे भी लगाएं जाएंगे।
टूरिस्ट प्लेस के तौर पर किया गया था डेवलप सपा की सरकार में वरूणा कॉरिडोर का काम जोर- शोर हो रहा था। इस कॉरिडोर को नए टूपिस्ट प्लेस की तौर पर तैयार किया जाना था। इसके दोनों तरफ पाथ-वे का निर्माण हो चुका था। इसके अलावा वरुणा में ड्रेजिंग का काम भी जारी था। 10 किलोमीटर के इस कॉरिडोर में चार घाट बनने थे, लेकिन साल 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद यह सभी काम अधूरे रह गए।