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लखनऊ

साल 2018 में सड़क हादसे में हुई 130 की मौत, प्रदेश सरकार ने दिया मौत का आंकड़ा

-2019 में बढ़ गई संख्या
-2017 में संख्या में आई कमी

लखनऊJul 25, 2019 / 01:42 pm

Ruchi Sharma

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लखनऊ. एक्सप्रेस-वे (Expressway) पर हर दिन हो रही सड़क हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने हादसों का ब्योरा दिया है। इसपर चौंकाने वाले खुलासा हुआ है। प्रदेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल यानि 2018 में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-व (Lucknow-Agra Expressway) पर 123 दुर्घटनाएं हुई है। वहीं इन दुर्घनाअों में 130 लोगों की मौत हुई है। वहीं यमुना एक्सप्रेस वे पर पिछले साल कुल 162 दुर्घटनाएं हुईं। इन हादसों में 145 लोगों की मौत हुई। वहीं साल 2019 में आगरा एक्सप्रेम -वे पर 54 हादसे हुए हैं। इन हादसों में 68 लोगों मौत हो गई है। वहीं यमुना एक्सप्रेस वे पर भी इस वर्ष अब तक 54 हादसे हुए, जिसमें 80 लोगों की मौत हुई है।
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प्रदेश को सड़क हादसे में कितने जान-माल का नुकसान हो रहे है। अगस्त 2012, में शुरू हुआ एक्सप्रेस वे के उद्घाटन से लेकर 31 जनवरी, 2018 तक इस पर लगभग 5,000 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं और इन दुर्घटनाओं में 8,191 का जीवन समाप्त हो चुकी हैं। यह जानकारी एक आरटीआई आवेदन के जरिए सामने आई है। गैर सरकारी संगठन सेव लाइफ फाउंडेशन द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से एक आरटीआई आवेदन के जरिए हासिल जानकारी के अनुसार, राजमार्ग के चालू होने के समय से जनवरी 2018 तक इस पर घटी कुल 5,000 दुर्घटनाओं में 703 भीषण दुर्घटनाएं थीं और इनमें 2,000 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
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सेव लाइव फाउंडेशन ने बताया, ‘यमुना एक्सप्रेस वे पर वर्ष 2012 में 9 अगस्त से लेकर साल के अंत तक कुल 275 दुर्घटनाएं घटी थीं, जिसमें 424 लोगों की जान चली गई थी, और 33 लोग अत्यंत गंभीर रूप से घायल हुए थे, 87 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे, 304 लोगों को हल्की चोटें आई थीं। इसी प्रकार 2013 में इस राजमार्ग पर कुल 896 दुर्घटनाएं घटीं, जिनमें 1463 लोग काल के गाल में समा गए थे, 118 लोग अति गंभीर रूप रूप से घायल हुए, 356 लोग गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि 989 लोगों को हल्की चोटें आई थीं. वर्ष 2014 में कुल 771 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1462 लोग मारे गए, जबकि 127 लोग अति गंभीर रूप से घायल हुए, 371 गंभीर रूप से घायल हुए, और 964 लोगों को हल्की चोटें आईं थीं।
2019 में बढ़ गई संख्या

वर्ष 2015 में दुर्घटनाओं की संख्या बढ़कर 919 हो गई, जिनमें 1535 लोगों की मौत हुई थी, और 143 लोग अति गंभीर रूप से घायल हो गए थे, 403 गंभीर रूप में घायल हुए थे, जबकि 989 लोगों को हल्की चोटें आईं थीं। इसी तरह, 2016 में दुर्घटनाओं की संख्या और बढ़ गई। कुल 1219 दुर्घटनाओं में 1657 लोग मारे गए थे, और 133 लोग अति गंभीर रूप से घायल हुए, 421 गंभीर रूप से घायल हो गए, तथा 1103 लोगों को हल्की चोटें आई थीं।
2017 में संख्या में आई कमी

आंकड़े के अनुसार, 2017 में हालांकि दुर्घटनाओं में थोड़ी कमी आई, मगर मृतकों की संख्या बढ़ गई। कुल 763 दुर्घटनाओं में 1572 लोग मारे गए, और 145 लोग अति गंभीर रूप से घायल हुए, 407 लोग गंभीर रूप से घायल हुए, और 1020 लोगों को हल्की चोटें आईं थीं। वर्ष 2018 के जनवरी महीने में कुल 37 दुर्घटनाएं घटीं, जिनमें 78 लोग मारे गए, और चार लोग अति गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि 20 लोग गंभीर रूप से घायल हुए, और 54 लोगों को हल्की चोटें आई थीं। दुर्घटनाओं के इस पूरे आंकड़े को देखा जाए तो इस राजमार्ग के उद्घाटन के बाद से दुर्घटनाओं और मौतों की संख्या में लगभग हर साल वृद्धि हो रही है। सिर्फ 2014 और 2017 में वृद्धि के क्रम थोड़ा विराम रहा है।

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