सरकार ने जारी किया आदेश प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग आलोक कुमार ने इसको लेकर शासनादेश जारी किया है। इसके अलावा मरीजों के इलाज के लिए रिटायर चिकित्सक, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ भी मानदेय पर रखे जाएंगे। इन्हें एनएचएम की स्वीकृत दर से 25 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा एक तरफ फ्रंटलाइन में कार्य कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर पैरा मेडिकल स्टाफ को मानदेय पर नियुक्त किया जा रहा है। कोविड अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों, नर्सों, पैरा मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मियों को चाहे वह नियमित रूप से नियुक्त हों या आउटसोर्सिंग के आधार पर उनकी नियुक्ति हो, सभी को वर्तमान में दिए जा रहे मूल वेतन या मानदेय पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी।
लैब वालों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि वहीं राजकीय चिकित्सालयों में कोविड-19 सैम्पल की जांच के लिए लैबों और उनसे संबंधित क्षेत्रों में तैनात किए जाने वाले मालिक्यूलर माइक्रो बायोलॉजिस्ट, लैब टेक्नीशियन, डाटा इंट्री आपरेटर, लैब अटेंडेंट को इनके मूल वेतन या मानदेय की राशि पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी। डेडीकेटेड कोविड वार्ड और कोविड जांच लैबों में की गई ड्यूटी दिवसों के आधार पर ही भुगतान किया जाएगा। एक्टिव क्वारंटीन की अवधि को भी ड्यूटी दिवसों में जोड़ा जाएगा।
14 दिन की कोविड ड्यूटी अनिवार्य निजी क्षेत्र और सेवानिवृत्त चिकित्सक, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवाएं लिए जाने के लिए संबंधित विभागों द्वारा केन्द्रीयकृत रूप से विज्ञप्ति प्रकाशित की जाएगी, लेकिन भर्ती की प्रक्रिया विकेन्द्रीकृत रहेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग में इसके लिए प्रधानाचार्य या संस्थान निदेशक अधिकृत होंगे। जबकि चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग में जिला स्वास्थ्य समिति इस कार्य को करेगी। इन कर्मचारियों के लिए महीने में कम से कम 14 दिन की कोविड ड्यूटी अनिवार्य होगी। इन कर्मचारियों को शासन के वर्तमान नीति के अनुसार भोजन और एक्टिव क्वारण्टाइन की सुविधा भी दी जाएगी।