योगी सरकार होगी हाईटेक मुख्यमंत्री के आवास पर हुई बैठक में मंत्रियों को बताया गया कि कैसे वह इन डिजीटल उपकरणों का इस्तेमाल अपने सरकारी काम में करें। इसके तहत मंत्रियों को एजेंडा हार्डकापी में नहीं, बल्कि ईमेल या दूसरे सोशल मीडिया के जरिए भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में सभी मंत्रियों को टैबलेट भी बांटे थे और खुद भी ज्यादा काम टैब पर ही करते दिखते हैं। योगी आदित्यनाथ ने पिछले वर्ष ही सीएम ऑफिस को पेपरलेस बनाने का आदेश दिया था। अब उनका ऑफिस ई-ऑफिस बन चुका है, जिसे उनके आईपैड से जोड़ दिया गया है। सीएम योगी की यात्रा के दौरान उनके डे-ऑफिसर उनके साथ होते हैं। जो भी जरूरी फाइल होती हैं, उसे वह आईपैड पर ही पढ़ कर निपटा लेते हैं। चिट्ठियों का जवाब भी ई-मेल के जरिए दे देते हैं। आईपैड से ही कई बार वह वीडियो कांफ्रेंस भी कर लेते हैं। हाल ही में कई बार सीएम योगी ने पुलिस अफसरों से भी ऐसे ही मीटिंग की है।
ई-गवर्नेन्स और ई-ऑफिस को मिलेगा बढ़ावा राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक राज्य सरकार के इस कदम से ई-गवर्नेन्स तथा ई-ऑफिस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मिनिमम गवर्नमेण्ट, मैक्सिमम गवर्नेन्स के संकल्प के अनुरूप कार्यों को सम्पादित करने में सुगमता और तेजी आएगी। डिजीटल इंडिया अभियान के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि अब सरकार पेपरलेस हो। सरकार ने सचिवालय में ई-ऑफिस पहले से ही लागू कर रखा है।
राधा तैयार करेंगी योगी का बजट योगी सरकार ने सोमवार देर रात दस आईएएस अधिकारियों के तबादले किये हैं। अहम विभागों के सचिवों को इधर से उधर किया गया है। इन तबादलों में सबसे बड़ी जिम्मेदारी राधा एस चौहान (IAS Radha S Chauhan) को मिली है। उन्हें वित्त विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। उनके सामने बजट की जिम्मेदारी होगी। आपको बता दें कि यूपी सरकार सत्र शुरू होने के अगले दिन यानी 19 फरवरी को राज्य का बजट पेश करेगी। योगी सरकार का यह आखिरी बजट हो सकता है। अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यह बजट सत्र अहम हो सकता है। चुनाव के मद्देनजर कई लोकलुभावन वादे किए जा सकते हैं, हालांकि कोरोना और लॉकडाउन के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था का हाल बुरा है। ऐसे में राधा एस चौहान के ऊपर यूपी के बजट को लेकर बेहद अहम जिम्मेदारी है।