सरकार ले रही फैसले दरअसल कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप से जनता को बचाने के लिये प्रदेश में कई तरह की गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया गया। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़भाड़ रोकने के लिए चरणवार तरीके से शुक्रवार, शनिवार और रविवार की साप्ताहिक बंदी लगाई गई थी। फिर जब कोरोना कमजोर हुआ तो सरकार ने बाजार, मॉल, मल्टीप्लेक्स, दफ्तर खोलने के साथ साप्ताहिक बंदी को भी घटाकर केवल शनिवार और रविवार को कर दिया। लेकिन अब प्रदेश में कोरोना पूरी तरह से काबू में है, इसलिए सरकार ने माध्यमिक और उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई शुरू करने का भी फैसला किया है।
धीरे-धीरे कम हो रही बंदिशें ऐसे ही प्रदेश में धीरे-धीरे लगभग सभी प्रतिबंध खत्म हो चुके हैं। जिसके बाद प्रदेशवासियों को अब दो दिन की साप्ताहिक बंदी से भी राहत का इंतजार है। दरअसल व्यापारी-कारोबारियों का मानना है कि ज्यादातर नौकरीपेशा वाले लोग वीकेंड पर ही खरीदारी के लिए निकलते हैं। उन दो दिनों में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहने से कारोबार प्रभावित हो रहा है। वहीं आमजन की समस्या भी इसी से जुड़ी है। बाकी दिन कामकाज के होते हैं। शनिवार और रविवार ही खरीदारी जैसी चीजों के लिए मिलते हैं। वहीं कारोबारियों की इस मांग पर सरकार भी विचार कर रही है और एकस्पर्ट की राज का इंतजार कर रही है।
एक्सपर्ट की रिपोर्ट का इंतजार दरअसल योगी सरकार अभी इसलिये ज्यादा सतर्कता बरत रही है, क्योंकि अगस्त महीने के आखिर में में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जानकार अंदेशा जता चुके हैं। ऐसे में सरकार अगस्त तक स्थिति पर नजर रखने के मूड में है। इस दौरान कोरोना संक्रमण के मामले न बढ़े तो फिर सरकार साप्ताहिक बंदी से छूट दे सकती है।
आमजन के स्वास्थ्य की चिंता वहीं मुख्य सचिव आरके तिवारी के मुताबिक सरकार भी चाहती है कि आमजन को हर तरह से राहत मिले, लेकिन लोगों के स्वास्थ्य की चिंता भी हम लोगों को करनी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के केस तो घटे हैं, लेकिन संक्रमण के वैरिएंट के मुताबिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट का इंतजार है। तीसरी लहर की आशंका खत्म हो जाए, उसके बाद ही साप्ताहिक बंदी को लेकर कुछ फैसला लिया जाएगा।