जब लॉकडाउन लगा और अन्य प्रदेशों में यूपी के मजदूर-श्रमिक बेरोजगार हो गए, तो उन्होंने घर वापसी का फैसला किया। लेकिन पब्लिक ट्रॉंसपोर्ट के न चलने के बाद सड़कों पर पैदल सफर करने को मजबूर हुए, जिनकी तस्वीरें कोई नहीं भूल सकता। ऐसे में यूपी सरकार ने कई ट्रेनें व बसें चलाकर उन्हें वापस लाने का इंतज़ाम किया। लाखों लोगों को सकुशल यूपी में अपने-अपने घर पहुंचाया गया।
प्रावीस मजदूरों को न सिर्फ वापस लाया गया बल्कि उन्हें उनक ही गांव, जनपद में रहकर रोजगार देने की व्यवस्था की गई। एक-एक मजदूर व श्रमिक की जानकारी लेकर उन्हें उनके कौशल के अनुसार प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए गए। यूपी सरकार के मंत्री मोती सिंह ने दावा किया कि कोरोना काल में 1 करोड़ लोगों को मनरेगा में रोजगार भी दिया गया है।
कोरोना के दौरान ही प्रदेश में अस्पतालों की व्यवस्था की पोल खुली। मरीज बढ़ते गए और बेड की संख्या उसके आगे बेहद कम लगने लगी। लेकिन ज्यादा दिनों तक नहीं। यूपी में कई कोविड अस्पतालों को खोला गया। वेंटिलेटर्स की कमी को पूरा किया गया। साथ ही 2017 तक जहां केवल 12 मेडिकल कॉलेज थे, वहीं महज तीन साल में 30 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण भी चल रहा है।
कोरोना को रोकने का सबसे कारगर तरीका टेस्टिंग है। इस बात को पूरी गंभीरता से लेते हुए यूपी में टेस्टिंग बड़े पैमाने पर हुई। कोरोना टेस्टिंग के मामले में यूपी के आसपास भी कोई दूसरा राज्य नहीं है। दो करोड़ से ज्यादा कोविड-19 टेस्ट करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। प्रति दिन प्रदेश में 1.5 से दो लाख कोरोना के टेस्ट किए जा रहे हैं।
अगस्त माह में राम मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमि पूजन के उस एतिहासिक कार्यक्रम को कोई भला कैसे भूल सकता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आखिर मंदिर निर्माण को लेकर हुए भव्य आयोजन में सीएम योगी-पीएम मोदी समेत तमाम दिग्गजों ने शिरकत की। यूपी सरकार ने कोरोना के दौरान कोविड नियमों का पालन करते हुए सफल आयोजन किया, जिसकी देश-विदेश में चर्चा हुई।
लॉकडाउन खुलते ही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के यूपी सरकार के प्रयास ने तेजी पकड़ी। यूपी के उत्पादों को 35 देशों का ऑनलाइन बाजार मिला, जब अक्टूबर में देश के पहले ओडीओपी वर्चुअल फेयर का सीएम योगी ने उद्घाटन किया। इससे सीएम योगी ने शिल्पियों और उद्यमियों के विकास और प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित किया।
हर गुजरते साल के साथ अयोध्या में दीपोत्सव की भव्यवता बढ़ती जा रही है। इस वर्ष भी कोरोना की छाया पड़ने के बावजूद अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। वर्चुअल तरीके से हुए इस दीपोत्सव में लेजर लाइट के जरिए रामायण व अयोध्या के इतिहास का वर्णन किया गया, जिसकी खूबसूरती भी देखते ही बनी। घर बैठे श्रद्धालू भी वर्चुअल तरीके से दीप जलाकर इसमें शामिल हो पाए।
विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए यूपी सरकार जमीन व सुरक्षित माहौल पर पूरा ध्यान दे रही है। कोरोना काल में आगरा में एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड पीएलसी (एबी मौरी) ने खमीर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 750 करोड़ रुपये का निवेश किया रही है। इसे जमीन भी मिल गई है। जापानी कंपनी वायरिंग हारनेस तथा कंपोनेंटस में 2000 करोड़ का निवेश करेगी। इसी तरह तमाम विदेशी कंपनियां यूपी में अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश करने को इच्छुक हैं।
हाल ही में नोएडा में बन रहे जेवर एयरपोर्ट का नाम और इसके लोगो का डिजाइन भी फाइनल कर दिया गया है। सीएम योगी ने इस दौरान कहा कि हवाई अड्डे का नाम ‘नोएडा अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा, जेवर’ होगा। यूपी सरकार इसे विश्वस्तरीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। यह दुनिया के बेहतरीन हवाई अड्डों में से एक होगा।
कोरोना काल के दौरान भी बुंदेलखंड एक्प्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, गंगा एक्प्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे निर्माण का काम जारी रहा। यह एक्प्रेसवे योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। सरकार का मानना है कि विकास की राह इन्हीं एक्सप्रेसवे से होकर गुजरेगी। एक्स्प्रेसवे के आसपास व्यवसाय खड़े होंगे, जिससे रोजगार बढ़ेगा।