शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आपको बता दें कि अगर इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाती है तो टीईटी पास शिक्षा मित्रों को भी सहायक अध्यापक बनने के लिए लिखित परीक्षा देनी होगी। दरअसल शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद 1 से 8वीं कक्षा तक के टीचरों की भर्ती के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य कर दी गई है। साथ ही प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में प्राइमरी टीचरों की भर्ती के लिए छात्र के पास ग्रेजुएशन और बीटीसी की डिग्री होना जरूरी है। वहीं अभी तक बेसिक शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक गुणांक के आधार पर होती रही है। शैक्षिक गुणांक छात्र के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के अलावा बीटीसी ट्रेनिंग में मिले अंकों के आधार पर तैयार किया जाता है।
यूपी सरकार की तैयारी दरअसल यूपी की योगी सरकार ने राजकीय माध्यमिक कॉलेजों में एलटी ग्रेड टीचरों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा करवाने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक सरकार अब इसी तरह बेसिक शिक्षकों की भर्ती के लिए भी परीक्षा आयोजित कराने का मन बना रही है। हालांकि टीचरों के चयन के लिए बनाई जाने वाली मेरिट में लिखित परीक्षा के साथ ही शैक्षिक गुणांक को भी जोड़ा जाएगा। जानकारी के मुताबिक इस नए नियम में शिक्षा मित्रों को शैक्षिक गुणांक में उनके सेवा अनुभव के आधार पर अधिकतम 25 अंक तक का वेटेज दिया जाएगा।