प्रदेश में 120412 एचआईवी संक्रमित पंजीकृत हैं। केजीएमयू में करीब 4000 व लखनऊ के बाकी सेंटरों में करीब 2000 मरीज पंजीकृत हैं। इन मरीजों का इलाज एआरटी सेंटर में चल रहा है। मरीजों की मुफ्त जांच, दवा व काउंसिलिंग की सुविधा है। आंकड़ों के मुताबिक एचआईवी संक्रमण की चपेट में सबसे ज्यादा युवा हैं। 18 से 24 साल के युवाओं की संख्या लगभग 60 फीसदी है। बाकी 40 फीसदी संक्रमितों की उम्र 24 से अधिक है।
इलाज की ऑनलाइन निगरानी
एचआईवी संक्रमितों की दवा बीच में छूटने की गुंजाइश एकदम कम हो जाएगी। उप्र एड्स कंट्रोल सोसाइटी की तरफ से दवा खत्म होने से पहले ही संक्रमित के मोबाइल पर मैसेज भेज देगा। इससे संक्रमितों समय पर नजदीक सेंटर से दवा हासिल कर सकेंगे। संक्रमितों को एक माह की दवा मुहैया कराई जाती है। यह भी पढ़ें
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क्या है AIDS के लक्षण?
1-त्वचा का रंग खराब होना2-अत्याधिक थकान
3-तेज बुखार
4-तेजी से वजन कमी
5-मुंह या जननांगों पर छाले