लखनऊ

HIV पीड़ितों में TB होने की सम्भावना सामान्य के मुकाबले 20 गुना तक ज्यादा,जाने कैसे

HIV And TB Prevention: एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों में टीबी का खतरा सामान्य से 20 गुना अधिक होता है। विश्व एड्स दिवस 2024 पर, एचआईवी-टीबी के दोहरे संकट से निपटने के लिए भारत में चल रहे राष्ट्रीय कार्यक्रमों और उनके प्रभाव को उजागर किया जा रहा है।

लखनऊDec 02, 2024 / 08:34 am

Ritesh Singh

Health Awareness

 HIV (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) संक्रमण से पीड़ित लोगों में टीबी (तपेदिक) का खतरा सामान्य व्यक्तियों की तुलना में 20 गुना अधिक होता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण ये दोनों बीमारियां एक साथ गंभीर जटिलताएं उत्पन्न कर सकती हैं। टीबी की जांच चार लक्षणों – दो हफ्ते से ज्यादा समय से खांसी आना, बेवजह लगातार वजन में कमी, रात में पसीना आना और शाम के समय बुखार आना के आधार पर की जाती है। इंडिया टीबी रिपोर्ट 2024 के अनुसार विश्व भर में एचआईवी पीड़ितों की मौत का एक मुख्य कारण टीबी है।
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संयुक्त प्रयासों से सुधार

भारत में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP) और राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत 2021 से एचआईवी-टीबी साझा गतिविधि प्रारंभ की गई। इस पहल का उद्देश्य दोनों बीमारियों से होने वाली मृत्यु और रुग्णता को कम करना है। इस कार्यक्रम के तहत हाई रिस्क ग्रुप की नियमित जांच, आईसीटीसी सेंटर पर स्क्रीनिंग और जेलों में गहन टीबी खोज कार्यक्रम जैसे उपाय शामिल हैं। पालिसी लेवल पर एचआईवी केयर सेटिंग्स में टीबी की जांच को शुरू किया गया।
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जिला क्षय रोग अधिकारी को जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी नामित किया गया । एनटीईपी और एनएसीपी के जिला और राज्य स्तरीय अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से सुपरविजन और मॉनिटरिंग विजिट की व्यवस्था की और नियमित आउटरीच सेवाओं के तहत पीयर एजुकेटर्स के द्वारा हाई रिस्क ग्रुप और हॉट स्पॉट में टीबी स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गयी। इसके साथ ही आईसीटीसी सेंटर पर टीबी की स्क्रीनिंग, उनका एनटीईपी में संदर्भन, प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट और जेलों में सघन टीबी केस फाइंडिंग की गयी | इन सब प्रयासों का परिणाम है कि वर्तमान में 95 फीसद नोटिफाइड टीबी मरीजों का एचआईवी स्टेटस पता है जहां साल 2008 में केवल 11 फीसद टीबी मरीजों का एचआईवी स्टेटस पता था।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की रिपोर्ट:  2022-23 की प्रमुख उपलब्धियां

टीबी स्क्रीनिंग: 2.23 लाख हाई रिस्क व्यक्तियों (महिला यौनकर्मी, ट्रक ड्राइवर, ट्रांसजेंडर, आदि) की जांच की गई, जिनमें से 3700 संभावित टीबी रोगी मिले।
एचआईवी जांच: 1.45 लाख टीबी मरीजों को एचआईवी जांच के लिए भेजा गया, जिनमें से 1.1% एचआईवी संक्रमित पाए गए।
टीबी निदान: 1916 एचआईवी संक्रमित मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई।

आवश्यक जागरूकता और थीम 2024

इस वर्ष विश्व एड्स दिवस की थीम “याद रखें और प्रतिबद्ध हों” (Remember and Commit) है। इसका उद्देश्य एचआईवी-टीबी के दोहरे बोझ से निपटने और समुदायों को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना है। जागरूकता के जरिए संक्रमण को रोकने और प्रभावी उपचार सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है​

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