scriptवर्कलोड से 26 साल की CA की मौत से दुखी मां का भावुक खत, अखिलेश बोले- इसे चेतावनी की तरह ले कॉरपोरेट जगत और सरकार | Work Stress Emotional letter from mother saddened by the death of 26 year old CA due to workload know Akhilesh Yadav reaction | Patrika News
लखनऊ

वर्कलोड से 26 साल की CA की मौत से दुखी मां का भावुक खत, अखिलेश बोले- इसे चेतावनी की तरह ले कॉरपोरेट जगत और सरकार

Work Stress: पुणे के अर्न्स्ट एंड यंग में काम करने वाली एक युवती की कथित तौर पर वर्कलोड से मौत हो गई। युवती की मां ने बॉस पर अत्यधिक काम का दबाव डालने का आरोप लगाया है, जिससे कंपनियों में वर्क लोड को लेकर बहस छिड़ गई है। अब इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है।

लखनऊSep 19, 2024 / 01:10 pm

Aman Pandey

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Work Stress: छंटनी जैसे शब्द जो पहले सालों में कभी कभार सुनने को मिलते थे, अब रोजाना की बात हो चुकी है। कर्मचारी भी खुद को औरों से ज्यादा सुरक्षित रखने के लिए अब ज्यादा काम करने लगे हैं। अब तक हमने जापान में ज्यादा काम के चलते होने वाली मौतों के बारे में सुना था। अब भारत में भी ऐसी दर्दनाक मौतें होने लगी हैं। कुछ ऐसी ही परिस्थितियों की शिकार हुई है, ईवाई पुणे (EY Pune) की एक 26 वर्षीय कर्मचारी। अपनी बेटी की मौ से दुखी मां ने कंपनी के इंडिया हेड को एक भावुक ईमेल लिखकर ओवरवर्क का महिमामंडन करना बंद करने की अपील की है।

‘देश भर के युवक-युवतियों को झकझोरने वाला मामला’

इस पर अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया “X” पर ‌लिखा,” ‘Work-life balance’ का संतुलित अनुपात किसी भी देश के विकास का एक मानक होता है। पुणे में एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में काम करनेवाली एक युवती की काम के तनाव से हुई मृत्यु और उस संदर्भ में उसकी माँ का लिखा हुआ भावुक पत्र देश भर के युवक-युवतियों को झकझोर गया है। ये किसी एक कंपनी या सरकार के किसी एक विभाग की बात नहीं बल्कि कहीं थोड़े ज्यादा, कहीं थोड़े कम, हर जगह लगभग एक-से ही प्रतिकूल हालात हैं।”
देश की सरकार से लेकर कॉरपोरेट जगत तक को इस पत्र को एक चेतावनी और सलाह के रूप में लेना चाहिए। यदि काम की दशाएँ और परिस्थितियां ही अनुकूल नहीं होंगी तो परफॉरमेंस और रिज़ल्ट्स कैसे अनुकूल होंगे। इस संदर्भ में नियम-कानून से अधिक आर्थिक हालातों को सुधारने की जरूरत है। सच तो ये है कि जिस प्रकार बेरोजगारी है और काम व कारोबार सरकार की ग़लत नीतियों और बेतहाशा टैक्स की वजह से मंदी और घटती मांग का शिकार हुआ है, उससे व्यापारिक घाटे की ओर बढ़ते कारोबार पर कम-से-कम इम्प्लॉयिज से अधिक-से-अधिक काम करवाये जाने का जबरदस्त दबाव है। ऊपर-से-लेकर नीचे तक हर इम्प्लायी एक-दूसरे के दबाव में है। बड़े संदर्भों में देखा जाए तो दरअसल इस दबाव-तनाव का मूल कारण आर्थिक नीतियों की नाकामी है।

अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा

सरकार जिस दिन अपने को दोषी मानकर बदलाव लाएगी, सकारात्मक आर्थिक नीतियां बनाएगी, टैक्स सिस्टम और रेट को शोषणकारी न बनाकर लॉजिकल बनाएगी, वर्किंग कंडीशन्स को टेंशन फ्री बनाएगी, उस दिन से सरकारी कर्मचारियों से लेकर काम-कारोबार-कॉरपोरेट जगत के इम्प्लॉयिज तक के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देने लगेंगे। जब देश की मेंटल हेल्थ अच्छी होगी तभी तरक्की होगी। सरकार को इस संदर्भ में सबसे पहले अपनी सोच बदलनी होगी और काम करने के तरीकों को भी, जहां ज्यादा-से-ज्यादा घंटे काम करने का दिखावटी पैमाना नहीं बल्कि अंत में परिणाम क्या निकला, ये आधार होना चाहिए। “

अब आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला

ईवाई पुणे में केरल की 26 वर्षीय चार्टर्ड अकउंटेंट एना सेबेस्टियन पेराइल (Anna Sebastian Perayil) काम करती थीं। हाल ही में उनकी मौत हो गई है। अब उनकी मां अनीता ऑगस्टीन (Anita Augustine) ने ईवाई पुणे के बॉस राजीव मेमानी (Rajiv Memani) को ईमेल लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि कंपनी की ह्यूमन राइट्स वैल्यू असलियत से कोसों दूर है। कंपनी में कमरतोड़ काम को अच्छा बताया जाता है। इसके चलते उनकी बेटी तनाव में रहने लगी थी और आखिरकार ज्वॉइनिंग के 4 महीनों में ही उसकी मौत हो गई।
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अनीता ने पत्र में लिखा, ‘मैं यह पत्र एक दुखी मां के रूप में लिख रही हूं, जिसने अपने बच्चे को खो दिया है। वह 19 मार्च, 2024 को एक कार्यकारी अधिकारी के रूप में ईवाई पुणे में शामिल हुईं। लेकिन चार महीने बाद, 20 जुलाई को, मेरी दुनिया ढह गई जब मुझे विनाशकारी खबर मिली कि एना का निधन हो गया है। वह सिर्फ 26 साल की थीं।’
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अनीता ने मैनेजर पर उठाए सवाल

अनीता ने लेटर में लिखा, ‘जब एना इस विशिष्ट टीम में शामिल हुई, तो उसे बताया गया कि कई कर्मचारियों ने अत्यधिक काम के बोझ के कारण इस्तीफा दे दिया है।’ टीम मैनेजर ने उससे कहा, ‘एना, तुम्हें हमारे टीम के बारे में हर किसी की राय बदलनी चाहिए।’ अनीता ने अपने पत्र में उल्लेख किया, ‘मेरे बच्चे को एहसास नहीं था कि वह अपने जीवन के साथ इसके लिए भुगतान करेगी।’

‘वीकेंड पर भी कराया जाता था काम’

पत्र में आगे वर्णन किया गया है कि कैसे एना के पास बहुत ज्यादा काम था। अक्सर उसके पास आराम करने के लिए बहुत कम समय रहता था। उसका प्रबंधक अक्सर क्रिकेट मैचों के दौरान बैठकों को पुनर्निर्धारित करता था और दिन के अंत में उसे काम सौंपता था, जिससे उसका तनाव बढ़ जाता था। वह देर रात तक काम करती थी, यहां तक कि सप्ताहिक छुट्टी पर भी उसे काम करना पड़ता था।
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जानें कंपनी ने क्या कहा

काउंटिंग फ़र्म ने कहा कि ऐन सेबेस्टियन पेरायिल S R Batliboi में ऑडिट टीम का हिस्सा थीं। कंपनी ने युवा कर्मचारी की “अपूरणीय क्षति” पर गहरा दुख व्यक्त किया। लंदन, यूनाइटेड किंगडम में मुख्यालय वाली कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए “स्वस्थ कार्यस्थल को बेहतर बनाने और प्रदान करने के लिए” बदलावों का संकेत दिए है।

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