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लखनऊ

Winter Session 2024: विधानसभा सत्र से पहले समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन: सरकार की नीतियों पर तीखे सवाल

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले समाजवादी पार्टी के विधायकों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों के एमएसपी, महंगाई, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सपा ने योगी सरकार को विफल बताया। इस प्रदर्शन ने सत्र के हंगामेदार होने के संकेत दे दिए हैं।

लखनऊDec 16, 2024 / 12:09 pm

Ritesh Singh

सत्र शुरू होने से पहले ही सपा का हल्ला बोल

सत्र शुरू होने से पहले ही सपा का हल्ला बोल

Winter Session 2024: उत्तर प्रदेश में शीतकालीन सत्र से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) ने सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सोमवार सुबह पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी ने किसानों की समस्याओं, महंगाई, बेरोजगारी, और कानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा।

सरकार पर सपा के आरोप

किसानों के मुद्दों पर सरकार को घेरा: सपा विधायकों का कहना है कि योगी सरकार किसानों को उनके न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का हक दिलाने में नाकाम रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं किए हैं।
किसानों का हक मार रही सरकार: सपा नेताओं ने कहा कि राज्य के किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा है। गन्ना किसानों के बकाए भुगतान में देरी पर भी सवाल उठाए गए। कृषि कानूनों और एमएसपी पर स्पष्ट नीति की कमी के कारण किसानों की हालत दिन-ब-दिन खराब हो रही है।
महंगाई और बेरोजगारी पर हमला: सपा ने बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। पेट्रोल, डीजल और घरेलू गैस के बढ़ते दामों पर सपा ने सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताया।
युवाओं के लिए रोजगार सृजन और सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता के अभाव को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
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कानून-व्यवस्था पूरी तरह फेल:समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध और सांप्रदायिक तनाव को लेकर योगी सरकार की आलोचना की। हाल के दंगों और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी पर चिंता जताई।
सपा ने कहा कि कानून-व्यवस्था में विफलता के कारण आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है।
योगी सरकार का कार्यकाल असफल: सपा विधायकों ने कहा कि योगी सरकार का कार्यकाल अब समाप्ति की ओर है, लेकिन वादे अधूरे ही हैं। गरीबों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार केवल घोषणाएं करती है, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा।
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तख्तियों पर लिखे नारे: सपा विधायकों और कार्यकर्ताओं ने तख्तियों पर अपने संदेश लिखे थे, जिनमें प्रमुख रूप से यह लिखा था:

“किसानों का हक दो!”
“युवाओं को रोजगार दो!”
“महंगाई पर लगाम लगाओ!”
“दंगों से दहला यूपी, भाजपा फेल!”
सदन के बाहर नारेबाजी: सपा विधायकों ने विधानसभा के बाहर जोरदार नारेबाजी की और सरकार को घेरने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक सरकार जवाबदेही नहीं दिखाएगी, तब तक सपा का आंदोलन जारी रहेगा।

भाजपा का जवाब

सरकार का पक्ष: भाजपा के नेताओं ने समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन को चुनावी स्टंट करार दिया। भाजपा ने कहा कि सपा केवल नकारात्मक राजनीति कर रही है। सरकार का दावा है कि किसानों और युवाओं के लिए कई योजनाएं सफलतापूर्वक चलाई जा रही हैं। कानून-व्यवस्था में सुधार को सरकार ने अपनी बड़ी उपलब्धि बताया।
भाजपा का पलटवार: भाजपा ने सपा पर भी आरोप लगाए कि उनके शासनकाल में अपराध और दंगों का बोलबाला था।

भाजपा ने कहा कि योगी सरकार के तहत प्रदेश में कानून-व्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ है।
किसानों को एमएसपी का लाभ दिया जा रहा है और गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान तेजी से हो रहा है।
राजनीतिक विश्लेषण: विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रदर्शन आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीति का हिस्सा है।

समाजवादी पार्टी जनता के मुद्दों को जोर-शोर से उठाकर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रही है।
भाजपा सत्र के दौरान अपनी उपलब्धियों को गिनाकर विपक्ष के हमलों का जवाब देने की योजना बना रही है।
सत्र के पहले दिन का असर
सत्र की शुरुआत से पहले ही हुए इस प्रदर्शन ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की संभावना भी बढ़ी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्र के दौरान विपक्ष और सरकार के बीच बहस किस दिशा में जाती है।
क्या कहते हैं जनता के मुद्दे?
जनता को उम्मीद है कि सत्र में किसानों की समस्याओं, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर ठोस कदम उठाए जाएंगे।
सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं, लेकिन आम जनता इन बहसों का परिणाम देखना चाहती है।

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