आखें होती हैं कमजोर why internet is harmful आज शायद ही कोई व्यक्ति हो जिसकी जेब में स्मार्टफोन न हो, दो-तीन महीने का रिचार्ज प्लान फोन में डलवाया और फिर लगे रहे दिन भर ऑनलाइन सर्फिंग में। सर्फिंग करते समय हम इस बात से बेखबर हो जाते हैं कि स्क्रीन की रोशनी से आंखों में थकावट होती है जो बाद में आंखों को कमजोर होने की वजह बनती है।
बनता है चिड़चिड़ेपना का कारण कोरोना काल में इस दुनिया की सैर सब ने की है। व्हाट्सएप, जूम और गूगल मीट जैसे प्लेटफार्म के जरिए आप फेस टू फेस दुनिया से जुड़ पाते हैं। घर परिवार के सदस्यों से बातें, व्यापार या दफ्तर के अधिकतर काम वर्चुअल पूरे हो रहे हैं। लेकिन अत्यधिक वर्चुअल, जुड़ाव कनेक्टिविटी आदि कारणों से चिड़चिड़ापन भी होता है
होता है चनाव अगर आप के पास मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर या आईपैड है तो खाली समय चुटकी बजाते ही कट जाता है। क्योंकि इंटरनेट के जरिए हम ऑनलाइन गेमिंग का आनंद लेते हैं। छोटे से लेकर बड़े तक हर कोई समय गुजारने के लिए ऑनलाइन गेम खेल रहा है। वह इस बात से अनजान है कि घंटो गेम खेलने से तनाव तथा अवसाद बढ़ता है और एकाग्रता में भी कमी आती है।
समय की होती है बरबादी आज इंटरनेट के कारण ज्यादातर लोग सोशल मीडिया साइट पर अच्छी तस्वीरें वीडियो या कमेंट पोस्ट करने में व्यस्त रहते हैं। जिससे काफी समय बर्बाद होता है। ऐसे में जरूरी है कि इंटरनेट के अधिक उपयोग को संतुलित करें।
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अयोध्या के राममंदिर परिसर को लेकर बड़ा फैसला, अब बनेगा मां जानकी का भव्य मंदिर बढ़े हैं अपराध इंटरनेट के कारण हैकिंग, डिजिटल कंटेंट चुराना जैसे साइबर क्राइम होते हैं। नेट पर वायरल वीडियो से व्यक्ति प्रख्यात भी हो सकता है और बदनामी हो सकता है। इंटरनेट के कारण आजकल लोग एक दूसरे की सलाह नहीं लेते जिससे भावनात्मक सहारा भी छिन रहा है।