शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी हो जाने के बाद से ही प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद भी शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक तमाम ऐसे विद्यालय संचालित होने की स्थितियां सामने आती रही हैं। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतक विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा तमाम विद्यालय जैसे भी हैं, जोकि प्रत्यारोपण या फिर मान्यता प्रमाण पत्र मिलने से पहले ही स्कूलों का संचालन कर रहे हैं वह भी अनाधिकृत विद्यालय संचालन के दोषी होंगे। शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा के द्वारा जारी किए गए निर्देशों के बाद बेसिक शिक्षा विभाग भी सक्रिय हो गया है। हर विकासखंड में गैर मान्यता के संचालित स्कूलों को सूची तैयार की जा रही है। यदि स्कूल नहीं बंद होते तो जुर्माना भी वसूला जाएगा।
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शस्त्रों की रोमांचित दुनिया में क्या है .32 बोर, .303 कैलिबर और 9 एमएम 10 हजार प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना बेसिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक गणेश कुमार ने बीएसए को बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों को बंद कराने का आदेश जारी कर दिया है। उन्होने ने बताया कि विद्यालय के संचालकों से एक लाख रुपये जुर्माना वसूलने को लेकर भी निर्देश जारी किया है। बिना मान्यता वाले स्कूलों के मान्यता को निरस्त करने के बावजूद भी अगर कोई संचालक स्कूलों का संचालन करता है तो उससे 10 हजार रुपये प्रतिदिन जुर्माना वसूला जाएगा।
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मलेरिया को निगल गया कोरोना, जानिए क्या है थीम और वर्तमान स्थिति हजार से अधिक विद्यालयों में कशा शिकंजा जानकारी की मुताबित प्रदेश भर में करीब एक हजार से अधिक स्कूल हैं जिनको नोटिस थमाया जा चुका है। कानपुर में करीब 26 और एटा में 12 स्कूल इसी तरह अलग अलग जिलों में स्कूल चिन्हित हुए हैं। डीआईओएस ने मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची जारी बांकियों पर लगाम लगाने के निर्देश दिए।