बुलडोजर दो श्रेणी में आते हैं। पहला- अर्थ मूविंग इक्विपमेंट और दूसरा- एक्सावेटर। इन दोनों ही श्रेणियों ने बिक्री के कीर्तिमान स्थापित कर दिए हैं। पिछले साल यानी वर्ष 2021 में 38,847 बुलडोजर बिके थे। 2020 में भयंकर कोविड संक्रमण के बीच भी 32601 बुलडोजर बिक गए थे जबकि प्री कोविड काल यानी 2019 में 37,137 बुलडोजर बेचे गए थे। प्री कोविड की तुलना में पोस्ट कोविड काल में 1710 बुलडोजर ज्यादा बिक गए। बड़ी संख्या में तेजी के साथ बुल्डोजर की बिक्री हो रही है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान बुलडोजर ने बड़ी भूमिका निभाई। इसी दौरान बुलडोजर चर्चा में आया। मुख्यमंत्री की रैलियों से लेकर शपथ ग्रहण में बुलडोजर मौजूद रहे। यही वजह है कि 2022 में महज जनवरी से अप्रैल के बीच 13428 बुलडोजर बिक गए। सेंट्रल यूपी के एक डीलर के मुताबिक जबसे बुलडोजर को प्रदेश में कानून का प्रतीक बना दिया गया और सीएम योगी आदित्यनाथ को ‘बुलडोजर बाबा’ कहा जाने लगा। चुनाव में भाजपा की जीत के बाद बुलडोजरों पर बैठकर नेताओं के जश्न ने इसकी ब्रांड वैल्यू को कई गुना तक बढ़ा दिया है। बुलडोजर की अप्रत्याशित बिक्री में यह भी एक वजह रही।
बिकरूकांड से चलना शुरू हुआ था बुलडोजर इन देश में चर्चा का विषय बना बुलडोजर की शुरुआत कानपुर के बिकरूकांड से शुरू हुआ। आठ पुलिस कर्मियों को गोलियों से भूनने के बाद हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की कोठी, कार, ट्रैक्टर, सामान पर दर्जनों बुलडोजर एक साथ टूट पड़े थे। बकहर इतना भयानक था कि महज 12 घंटे में विकास की सल्तनत नेस्तनाबूद हो गई थी। उस दिन से लेकर आज तक अपराधी हो माफिया बुलडोजर कार्यवाही का ब्रह्माशस्त्र बन गया। इसे देखकर अपराधी खुद थाने पहुंच जाते हैं।