सवाल जवाब के दौरान पहले ही अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर हमलावर होते हुए कहा था कि योगी सरकार को सदन में बुनियादी सवालों का जवाब न देना पड़े इसलिए मात्र नौ दिन में ही निपटाना चाहती है। अखिलेश की मांग है कि विधानसभा सत्र ज्यादा दिन का होना चाहिए। आगे बोले कि जनता ने समाजवादी पार्टी को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया। पेट्रोल, डीजल, कोयला, लोहा, स्टील की कीमतों को गिनाते हुए महंगाई का हवाला भी दिया। कहा कि एयरपोर्ट, रेल, सड़क, एलआइसी को बेचा जा रहा है। इसी को आधार बनाकर भाजपा सरकार पर सवाल उठाएंगे।
यह भी पढ़े –
काशी और मथुरा में मुस्लिमों से लड़ने वाली ये 6 महिलाएं, सबकी जुबान पर इन्ही का नाम ये है अखिलेश का आरोप अखिलेश का कहना है कि सरकार बनने के बाद अब वह गरीबों को पहचानने से इन्कार कर रही है। गांव में मुनादी करा अपात्र साबित कर 24 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से गेहूं का दाम वसूलने की धमकी दी जा रही है। सरकार के मित्रों ने जब किसानों से गेहूं खरीद लिया तो निर्यात पर रोक लगा दी गई। लाखों क्विंटल गेहूं देश के कई बंदरगाहों पर ट्रकों में लोड है। अब आटा महंगा खरीदने के लिए देश की जनता को तैयार होना पड़ेगा।
अखिलेश की क्या होगी रणनीति बैठक में विधान सभा सदस्यों के साथ ही विधान परिषद सदस्यों की भी उपस्थिति अनिवार्य की गई है। इस बैठक में सपा विधानमंडल दल के नेता अखिलेश यादव अपने विधायकों के साथ आगामी विधानमंडल सत्र को लेकर रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। सत्र में सपा कानून व्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी, बिजली व किसानों सहित अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा सरकार पर चढ़ाई करेगी। शिक्षा और सुरक्षा पर सवाल उठाएगी।