उत्तर प्रदेश के चार और बड़े शहरों में मेट्रो के संचालन की कवायद तेज कर दी गई है। बता दें कि पहले बरेली, झांसी, प्रयागराज में मेट्रो चलाने के लिए स्थानीय स्तर पर डीपीआर तैयार कराई गई थी, लेकिन वह उपयोगी नहीं थी। क्योंकि इन शहरों में मेट्रो के स्थान पर लाइट या नियो मेट्रो चलाने की संभावना तलाशी जा रही है। इसलिए अब सरकार ने नए सिरे से फिजिबिलिटी रिपोर्ट के साथ डीपीआर तैयार करने के लिए निर्देशित किया है। इस योजना में अब मेरठ को भी शामिल कर लिया गया है।
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अयोध्या में आने वाले राम भक्तों को 350 रुपये में रुकने व भोजन की सुविधा इसलिए चलाई जाएगी छोटी मेट्रो माना जा रहा है कि इन चारों शहरों में नोएडा, कानपुर और लखनऊ से कम यात्री मिलने की उम्मीद है। इसी वजह से इन शहरों में छोटी मेट्रो का संचालन किया जाएगा। बता दें कि हाल ही में प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने इसको लेकर शासन स्तर पर बैठक की है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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पद्मश्री राम सुतार बनाएगें अयोध्या में लगने वाली विश्व की सबसे ऊंची श्री राम की मूर्ति वाराणसी में बनेगा रोपवे वहीं, वाराणसी में रोपवे का संचालन किया जाएगा। इसकी डीपीआर तैयार कर ली गई है। इसके साथ ही सरकार से भी मंजूरी मिल गई है। रोपवे का नए सिरे से टेंडर होना बाकी है। इसके अलावा गोरखपुर में भी लाइट मेट्रो परियोजना की मंजूरी के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है।