2013 की तर्ज पर होगी महाहड़ताल राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी और महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने संयुक्त रूप से पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि ऐसी स्थिति में हमें एक बार फिर से आन्दोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। परिषद की 11 नवम्बर से 22 नवम्बर 2 013 की महाहड़ताल और 23 जुलाई 15 की महारैली की तर्ज पर एक बार फिर परिषद आन्दोलन पर जा रही है। आन्दोलन की घोषणा करते हुए दोनों कर्मचारी नेताओं ने बताया कि आन्दोलन के पहले क्रम में 19 जुलाई को सभी जनपदों में धरना-प्रदर्शन एवं रैली, 20,21 और 22 अगस्त को कार्य बहिष्कार के साथ जनपदीय धरना, चार अक्टूबर को वर्ष 2015 की तर्ज प्रदेशिक महारैली और 22,23 और 24 अक्टूक्बर को वर्ष 2013 की तर्ज पर महाहड़ताल का निर्णय लिया गया है।
अफसरों पर अनदेखी का आरोप
परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी और महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने बताया कि जिन 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है, उनमें से कई मांगों पर उच्च स्तरीय वार्ता के बाद सहमति भी बन चुकी है। चंद अधिकारियों की सोची समझी राजनीति और कर्मचारियों के दिल में राज्य सरकार के प्रति अविश्वास पैदा करने की नीयत से सहमति वाले आदेश अब तक लम्बित पड़े है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यालय में परिषद का प्रतिनिधि मण्डल मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव कार्मिक, प्रमुख सचिव वित्त के साथ कई बार वार्ता कर चुका है। कर्मचारियों की समस्याओं से राज्य सरकार और शासन पूरी तरह से भिज्ञ है, इसके बावजूद समस्याओं का समाधान नही हो पा रहा है।