2020 में जब कोरोना वायरस की पहले वेव में लॉकडाउन लगा था, तब बाइक पर दो या तीन सवारी को महामारी एक्ट के उल्लंघन में जोड़कर जुर्माना वसूला जाता था। कार में भी तीन सवारी होने पर जुर्माने के लिए जिम्मेदार माना जाता था। लिहाजा पहली वेव में काफी सख्ती के साथ लॉकडाउन का पालन करवाया गया। नियम तोड़ने वालों का चालान किया गया और उनसे जुर्माना वसूला गया। अब कोरोना की दूसरी वेव के दौरान भी मिनी लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाने के लिए यूपी पुलिस ने कमर कस ली है। बेवजह सड़क पर निकलने वाले व नियम तोड़ने वालों के खिलाफ चालान किया जा रहा है और जुर्माना वसूला जा रहा है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से लेकर मास्क न लगाने और सार्वजनिक भीड़ इकट्ठा करने जैसे मामलों में जुर्माना वसूला जा रहा है।
प्रावधान को न मानने वालों पर सख्ती एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए तमाम पाबंदियों को सख्ती से लगाया गया है और प्रावधानों को न मानने वाले लोगों का चालान काट कर उनसे जुर्माना वसूला गया है, जिसे सरकार के कोषागार में जमा कराया जाता है।
लखनऊ में पांच जून तक धारा 144 लागू, उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई राजधानी लखनऊ में पांच जून तक धारा 144 लागू कर दी गई है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) पीयूष मोर्डिया ने 7 मई को अलविदा की नमाज, 9 मई को लोक नायक महाराणा प्रताप जयंती, 14 मई को ईद-उल-फितर व परशुराम जयंती, 26 मई को बुद्ध पूर्णिमा और एक जून को बड़ा मंगल पर शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लखनऊ में पांच जून तक के लिए धारा 144 लागू की है। संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि कंटेनमेंट जोन के बाहर समस्त सामाजिक, खेल, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों और अन्य सामूहिक गतिविधियों की अनुमति निम्न प्रतिबंधों के अधीन होगी। कोई भी व्यक्ति पुलिस आयुक्त लखनऊ या संयुक्त पुलिस आयुक्त या पुलिस उपायुक्तों की अनुमति के बिना न तो जुलूस निकालेगा और न ही किसी सार्वजनिक स्थान या कार्यक्रम में शरीक होगा। नियम का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रात 10 से सुबह 6 तक लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर बजाने पर पाबंदी रहेगी। इसके पहले लाउडस्पीकर की ध्वनि की तीव्रता के सम्बन्ध में ध्वनि-प्रदूषण (विनियम और नियंत्रण), नियम-2000 संशोधित के प्राविधानों का अनुपालन आवश्यक होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा-188 के तहत कार्रवाई होगी।